ताजा खबरें | विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. लोकसभा में कराधान और अन्य विधियां (कतिपय उपबंधों का संशोधन एवं छूट) विधेयक 2020 पेश किये जाने के दौरान भाजपा सदस्यों की कुछ टिप्पणियों पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के शोर शराबे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद शाम साढ़े पांच बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई।

नयी दिल्ली, 18 सितंबर लोकसभा में कराधान और अन्य विधियां (कतिपय उपबंधों का संशोधन एवं छूट) विधेयक 2020 पेश किये जाने के दौरान भाजपा सदस्यों की कुछ टिप्पणियों पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के शोर शराबे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद शाम साढ़े पांच बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई।

निचले सदन में विधेयक पेश किये जाने का विरोध करते हुए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने पीएम केयर्स फंड के गठन को लेकर सवाल उठाये। कुछ सदस्यों ने इस कोष को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष में मिला देने का सुझाव दिया।

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इस दौरान वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि पीएम केयर्स फंड का विरोध किया जा रहा है लेकिन इस विरोध के पीछे तर्क तो होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ये (विपक्ष) कहते थे कि ईवीएम खराब है और कई चुनाव हार गए। फिर कहा कि जनधन खराब है, फिर कहा कि जीएसटी खराब है, तीन तलाक कानून खराब है।

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विपक्ष पर निशाना साधते हुए ठाकुर ने कहा कि सच्चाई यह है कि विपक्ष की नीयत खराब है। इसलिए उन्हें अच्छा काम भी खराब नजर आता है।

पीएम केयर्स फंड का जिक्र करते हुए ठाकुर ने कहा कि इस विषय पर ये (विपक्ष) अदालत में चले गए, लेकिन अदालत ने इनकी बातों को खारिज कर दिया।

वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि ये लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच नहीं, बल्कि देश की जनता की सोच पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं।

ठाकुर ने कहा कि एक तरफ देश कोरोना महामारी से लड़ने की तैयारी कर रहा था और प्रधानमंत्री अनेक कदम उठा रहे थे तब विपक्ष के लोग राजनीति कर रहे थे ।

उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स फंड में गरीबों से लेकर अमीरों, सांसदों, विधयकों, छोटे छोटे बच्चों, सेवानिवृत शिक्षकों, बुजुर्गो, स्वतंत्रता सेनानियों आदि ने अपनी जमा पूंजी महामारी से लड़ने के लिये दी है, लेकिन विपक्ष विरोध करके इन लोगों का भी अपमान कर रहा है।

ठाकुर ने कहा, ‘‘ 1948 में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने शाही हुकुम की तरह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष बनाने का आदेश दिया । ’’

उन्होंने दावा किया कि इस कोष का आज तक पंजीकरण नहीं कराया गया है। इसकी जांच होनी चाहिए कि इसको विदेशी योगदान विनियमन संबंधी मंजूरी कैसे मिली ।

ठाकुर ने कहा, ‘‘अब दूध का दूध, पानी का पानी होना चाहिए।’’

वित्त राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि पीएम केयर्स कोष पूरी तरह से संवैधानिक रूप से पंजीकृत चैरिटेबल ट्रस्ट है।

ठाकुर ने नेहरू गांधी परिवार को लेकर भी कुछ टिप्पणियां की जिस पर नाराजगी जताते हुए कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

इस दौरान तृणमूल कांग्रेस की एक सदस्य की टिप्पणी के बाद पश्चिम बंगाल से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी अपने स्थान पर खड़े होकर कुछ कहते देखी गईं। इस पर तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने खड़े होकर गहरी आपत्ति व्यक्त की और कुछ देर तक जोरदार तरीके से विरोध दर्ज कराते रहे।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें शांत कराने का प्रयास करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष, विपक्ष के सदस्य हों या कोई मंत्री हों... अगर वो उठकर बोलने का प्रयास करेंगे तो मुझे उन्हें नाम लेकर बाहर निकलने के लिए कहना होगा।

उन्होंने कोविड-19 से बचने के लिये किये गए इंतजाम का जिक्र करते हुए कहा कि सदस्यों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

हालांकि, कल्याण बनर्जी बार-बार खड़े होकर अपनी बात कहते रहे।

इस बीच, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि हमने एक भी असंसदीय, असंवैधानिक बात नहीं की है। लेकिन इन्होंने (ठाकुर) सारा माहौल खराब कर दिया।

उन्होंने यह भी कहा कि हमने पीएम केयर्स फंड की बात करते हुए कभी प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के लिये कुछ गलत नहीं कहा।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ आसन के कहने के बाद भी अगर सदस्य नहीं मानते हैं तब मैं इस तरह से सदन चलाने का न आदी हूं और न चलाऊंगा। सभी सदस्य आचार संहिता बनाये रखें।’’

उन्होंने हंगामे के बीच कार्यवाही 3 बजकर 50 मिनट पर आधे घंटे के लिये स्थगित कर दी।

एक बार के स्थगन के बाद लोकसभा की बैठक फिर शुरू होने पर भी सदन में शोर-शराबा जारी रहा और पीठासीन सभापति रमा देवी ने कुछ ही मिनट बाद कार्यवाही शाम 5 बजे तक के लिये स्थगित कर दी।

बैठक फिर शुरू होने पर भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही और बैठक शाम साढ़े पांच बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

वैभव हक दीपक

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