कोरोना महामारी के बीच LIC ने दी बड़ी राहत, अस्पताल में हुई मौत तो क्लेम सेटलमेंट के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र के बदले इन दस्तावेजों का भी कर सकेंगे इस्तेमाल

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच अपने ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार नियंत्रित बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने दावे के निपटान से जुड़ी शर्तों में कुछ ढील देने का घोषणा की. कंपनी ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि वर्तमान स्थिति में, जहां मौत किसी अस्पताल में हुई है, मौत के दावे का तेजी से निपटान करने के लिए उसने नगर निगम से मिलने वाले मृत्यु प्रमाणपत्र के बदले मृत्यु के वैकल्पिक प्रमाणों को मान्यता दी है.

LIC | प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo: Twitter)

कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) की दूसरी लहर के बीच अपने ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार नियंत्रित बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने दावे के निपटान से जुड़ी शर्तों में कुछ ढील देने का घोषणा की. कंपनी ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि वर्तमान स्थिति में, जहां मौत किसी अस्पताल (Hospital) में हुई है, मौत के दावे का तेजी से निपटान करने के लिए उसने नगर निगम से मिलने वाले मृत्यु प्रमाणपत्र (Municipal Death Certificates) के बदले मृत्यु के वैकल्पिक प्रमाणों को मान्यता दी है. यह भी पढ़ें- LIC New Rules: एलआईसी के ग्राहक ध्यान दें! अब सप्ताह में 5 दिन ही खुला रहेगा LIC ऑफिस.

मृत्यु के दूसरे प्रमाणों में सरकार/ईएसआई (कर्मचारी राज्य बीमा)/सशस्त्र बलों/कॉरपोरेट अस्पतालों द्वारा जारी किया गया और एलआईसी के प्रथम श्रेणी के अधिकारियों या 10 साल सेवा चुके विकास अधिकारियों के हस्ताक्षर वाला, मृत्यु की स्पष्ट तारीख एवं समय को दिखाता अस्पताल से छुट्टी/मृ्त्यु का ब्यौरा, मृत्यु प्रमाणपत्र शामिल हैं.

एलआईसी इंडिया का ट्वीट-

विज्ञप्ति में कहा गया कि इसे अंतिम संस्कार प्रमाणपत्र या संबंधित प्राधिकरण द्वारा जारी की गयी प्रमाणिक पहचान रसीद के साथ जमा करना होगा. वहीं दूसरे मामलों में पहले की तरह ही नगर निगम से मिलने वाला मृत्यु प्रमाणपत्र देना जरूरी होगा.

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