प्रधानमंत्री के संबोधन में लोगों को आर्थिक मोर्चे पर राहत देने वाली घोषणा का अभाव : द्रमुक
वहीं राजग में शामिल पीएमके ने लॉकडाउन के विस्तार का स्वागत करते हुए कहा कि यह 'अपरिहार्य' था।
चेन्नई, 14 अप्रैल तमिलनाडु में विपक्षी द्रमुक ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने को लेकर दिए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन में लोगों को आर्थिक मोर्चे पर राहत प्रदान करने वाली कोई घोषणा नहीं थी।
वहीं राजग में शामिल पीएमके ने लॉकडाउन के विस्तार का स्वागत करते हुए कहा कि यह 'अपरिहार्य' था।
द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि लोगों के मन में कई सवाल थे। उन्होंने प्रधानमंत्री से जानना चाहा कि वह कब ऐसा संबोधन देने जा रहे हैं जिससे लोगों को राहत अपने सवालों का जवाब मिलेगा।
लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ाए जाने की मोदी की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्टालिन ने कहा कि इस तरह के आदेश के अलावा कोई अन्य विकल्प था ही नहीं, क्योंकि सभी संक्रमित लोगों का पता नहीं लगाया जा सका है।
उन्होंने कहा कि बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी की सात सूत्री सलाह लोगों को जागरूक करने वाली है।
स्टालिन ने एक बयान में कहा, ‘‘ देश के लोग उनसे सिर्फ सलाह की उम्मीद नहीं करते (बल्कि), राहत सहायता की भी उम्मीद करते हैं जिससे लोगों को अपना अस्तित्व बनाए रखने में मदद मिल सकेगी।’’
उन्होंने कहा कि लोगों को बचाने के लिए सरकार को अपनी आर्थिक योजनाओं की घोषणा करनी चाहिए थी।
इस बीच, भाजपा की सहयोगी पीएमके ने लॉकडाउन के विस्तार का स्वागत किया।
पार्टी के नेता और राज्यसभा सदस्य अंबुमणि रामदास ने कहा कि यह कदम लोगों की सुरक्षा के उद्देश्य से उठाया गया है और स्वागतयोग्य है।
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