देश की खबरें | केएमएम ने एसकेएम की बैठक में लिया हिस्सा, यूनियन के बीच एकता पर हुई चर्चा

चंडीगढ़, 12 फरवरी किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने बुधवार को यहां संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लिया, जिसमें किसान नेताओं ने कहा कि विभिन्न यूनियन के बीच एकता के मुद्दे पर चर्चा हुई और वे एक कदम आगे बढ़े हैं।

केएमएम नेता सरवन सिंह पंधेर ने बैठक में हिस्सा लिया

हालांकि, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) ने बैठक में भाग नहीं लिया। उसने पहले ही कहा था कि उसका नेतृत्व बुधवार को खनौरी विरोध स्थल पर अपने ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम में व्यस्त रहेगा।

एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों के समर्थन में पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं।

एसकेएम ने दोनों ही यूनियन को भाजपा नीत केंद्र के खिलाफ एकजुट संघर्ष पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया था।

इससे पहले, एसकेएम, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के बीच 13 जनवरी और 18 जनवरी को दो दौर की बैठकें कुछ मतभेदों के कारण बेनतीजा रही थीं।

आज की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए एसकेएम के वरिष्ठ नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां ने कहा कि एकता के मुद्दे पर लंबी चर्चा हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘ केएमएम भी मौजूद था। वे अब एसकेएम (गैर-राजनीतिक) से बात करेंगे और उनसे सलाह-मशविरा करके अगली बैठक होगी। इसके बाद एसकेएम, एसकेएम-गैर-राजनीतिक और केएमएम की एकता को अंतिम रूप दिया जाएगा।’’

केंद्र से संबंधित प्रदर्शनकारी किसानों की विभिन्न मांगों का उल्लेख करते हुए उग्राहां और एसकेएम के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने मीडिया से कहा कि यह एक बड़ी लड़ाई है और यूनियन को हाथ मिलाना होगा।

पंधेर ने कहा, ‘‘एकता पर लंबी चर्चा हुई और हम इसके करीब पहुंच गए हैं।’’

एक सवाल के जवाब में केएमएम नेता पंधेर ने कहा, ‘‘महापंचायत में व्यस्त होने के कारण एसकेएम (गैर-राजनीतिक) बैठक में शामिल नहीं हो सका। हम उनसे (उसके नेताओं से) बात करेंगे ताकि अगली बैठक जल्द हो सके।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सभी यूनियन के बीच एकता होनी चाहिए क्योंकि यह लोगों की भावना है... हम उस तरह की एकता चाहते हैं जो पिछले आंदोलन (कृषि कानूनों के खिलाफ) के दौरान देखी गई थी।’’

किसान नेताओं ने कहा कि बैठक में पिछले आंदोलन से सीखे गए सबक पर भी चर्चा की गई।

एसकेएम, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम पर दबाव बना रहा है कि वे केंद्र से संबंधित अपने 12-सूत्री मांगपत्र में कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचे के मसौदे का विरोध करने की मांग को शामिल करें।

एसकेएम ने तब तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ 2020 के आंदोलन का नेतृत्व किया था। वह एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के चल रहे आंदोलन का हिस्सा नहीं है।

अठारह जनवरी को केंद्र ने एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम को 14 फरवरी को चंडीगढ़ में होने वाली बैठक में अपनी मांगों पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया है।

पंधेर ने कहा कि बैठक में किसानों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल के बारे में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।

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