मलप्पुरम (केरल), 25 जनवरी केरल की एक अदालत ने 42 वर्षीय व्यक्ति को अपनी तीन पत्नियों में से एक से पैदा हुई नाबालिग बेटी के साथ अपने घर पर बार-बार बलात्कार करने के लिए बृहस्पतिवार को दोषी ठहराया और कुल 150 साल की सजा सुनाई।
पेरिंतलमन्ना फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश सिनी एस आर ने व्यक्ति को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया और कुल 150 साल की सजा सुनाई।
जेल की सारी सजा एक साथ काटनी होंगी। अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए आदेश के अनुसार चूंकि व्यक्ति को अधिकतम सजा 40 साल की सुनाई गई, इसलिए वह 40 साल जेल में काटेगा।
अदालत ने उसे आईपीसी की धारा 376(3) (सोलह साल से कम उम्र की लड़की से बलात्कार) के तहत अपराध के लिए 30 साल और पॉक्सो अधिनियम की धारा 4(2) (सोलह साल से कम उम्र के बच्चे का यौन उत्पीड़न) के तहत अपराध के लिए 30 साल की सजा सुनाई।
इसके अतिरिक्त, उसे पॉक्सो की धारा 5(एल) (बच्चे पर एक से अधिक बार या बार-यौन हमला) और 5(एन) (बच्चे के रिश्तेदार द्वारा बच्चे पर यौन हमला) के तहत अपराध के लिए 40-40 साल की सजा भी सुनाई गई।
इसके अलावा, उस व्यक्ति को आईपीसी की धारा 450 (घर में अतिक्रमण) के तहत अपराध के लिए सात साल और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 (बच्चे के प्रति क्रूरता के लिए सजा) के तहत अपराध के लिए तीन साल की सजा सुनाई।
अदालत ने कुल चार लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और निर्देश दिया कि इसमें से दो लाख रुपये पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिए जाएं। अदालत ने जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, मंजेरी को मुआवजा योजना के तहत पीड़िता को दिए जाने वाले मुआवजे की मात्रा तय करने का निर्देश दिया।
कालिकावु थाने के एक अधिकारी के अनुसार थाना अंतर्गत एक इलाके में यह घटना 2022 में हुई थी। उन्होंने कहा कि पीड़िता दोषी की तीन पत्नियों में से एक की बेटी थी और जब घर पर कोई नहीं था तो उसने बलात्कार किया था।
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