Kerala: कांग्रेस ने केंद्र से मणिपुर में फंसे मलयाली लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया

कांग्रेस ने मणिपुर में घटित हिंसक घटनाओं पर रविवार को चिंता व्यक्त की और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित केंद्र से इस पूर्वोत्तर राज्य में फंसे मलयाली लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.

Congress (Photo: PTI)

तिरुवनंतपुरम, सात मई: कांग्रेस ने मणिपुर में घटित हिंसक घटनाओं पर रविवार को चिंता व्यक्त की और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित केंद्र से इस पूर्वोत्तर राज्य में फंसे मलयाली लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. विपक्षी कांग्रेस का यह आग्रह केरल में कैथोलिक चर्च के एक शीर्ष निकाय द्वारा मणिपुर में कथित जातीय हिंसा की निंदा किये जाने के एक दिन बाद किया गया है. यह भी पढ़ें: Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा के बाद पटरी पर जिंदगी लौटना शुरू, कर्फ्यू में कुछ घंटों के लिए ढील

कांग्रेस नेता एवं केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीशन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर हिंसा-प्रभावित मणिपुर में फंसे मलयाली लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और केरल लौटने में उनकी मदद करने का अनुरोध किया. सतीशन ने अपने पत्र में ‘मणिपुर के गिरजाघरों में की गई तोड़फोड़ और ईसाई समुदाय के सदस्यों को प्रताड़ित किये जाने की दुखद घटनाओं’ के बारे में भी चिंता जताई है.

उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस मणिपुर में सत्ता में थी तब वहां शांति व्यवस्था थी और अब यह कथित रूप से “व्यापक सांप्रदायिक संघर्ष के केंद्र” में बदल गया है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “कई लोग मारे जा चुके है और कई अन्य प्रताड़ना के डर से दूसरे राज्यों में भाग गए हैं. चेकॉन, न्यू लेम्बुलेन, सांगईप्रोउ और गेम विलेज स्थित गिरजाघरों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में ईसाई आबादी के बीच अत्यधिक सांप्रदायिक तनाव और असुरक्षा की भावना है। यह पता चला है कि हिंसा देश के अन्य हिस्सों में फैल रही है और इसे फैलने से रोकने के लिए संबंधित सरकारों के तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है.”

उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध मुक्केबाज मैरी कॉम द्वारा मणिपुर में फैली सांप्रदायिक हिंसा पर चिंता व्यक्त करने के बाद अत्याचारों का पता चल सका है. सतीशन ने कहा कि मणिपुर में फरवरी से तनाव का माहौल व्याप्त है, जब तत्कालीन प्रशासन ने एक खास आदिवासी अल्पसंख्यक को निशाना बनाकर वहां अतिक्रमण-रोधी अभियान शुरू किया था.

हिंसा को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र से जीवन और धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने की उम्मीद की गई थी, लेकिन ये हिंसा के ‘मूक दर्शक’ बन गए हैं. सतीशन ने कहा, “मणिपुर में हमारे ईसाई भाइयों और बहनों को धर्म के नाम पर प्रताड़ित होते देखना दिल दहला देने वाला है.”

उन्होंने कहा, “मैं राज्य में मौजूदा सांप्रदायिक तनाव को दूर करने और मणिपुर में ईसाई समुदाय के सदस्यों को प्रताड़ित किए जाने तथा गिरजाघरों में तोड़फोड़ रोकने के लिए आपके तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करता हूं.” एक दिन पहले, कैथोलिक गिरजाघर के शीर्ष निकाय ‘केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल’ ने मणिपुर में जातीय हिंसा की कड़ी निंदा की थी और केंद्र सरकार से इस पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया.

अधिकारियों ने शनिवार को बताया था कि मणिपुर में जातीय हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है। हालांकि, अनाधिकारिक सूत्रों ने मरने वालों की संख्या सौ से अधिक और घायलों की संख्या कम से कम 200 बताई है.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\