देश की खबरें | केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने धामी के आश्वासन पर स्थगित किया आंदोलन

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देहरादून/ रूद्रप्रयाग, 16 जुलाई दिल्ली के बुराड़ी में बनाए जा रहे केदारनाथ जैसे मंदिर के विरोध में जारी अपने आंदोलन को केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आश्वासन पर बुधवार को स्थगित कर दिया।

केदार सभा के विनोद तिवारी और उमेश पोस्ती ने केदारनाथ में कहा कि उनके अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने मुख्यमंत्री से इस संबंध में मुलाकात की थी और अब उनके निर्देश पर आंदोलन को स्थगित किया जा रहा है।

पोस्ती ने कहा, 'हम अपना आंदोलन वापस नहीं ले रहे हैं। अपने अध्यक्ष के देहरादून से लौटने तक उसे केवल स्थगित किया गया है।'

उन्होंने कहा कि हमारे अध्यक्ष की मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई है जिसमें उन्हें सकारात्मक आश्वासन मिला है ।

एक अन्य तीर्थ पुरोहित विनोद तिवारी ने कहा, ' इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री के साथ बातचीत हुई और बुराड़ी में मंदिर तथा उसे बनाने वाले ट्रस्ट का नाम बदले जाने पर सहमति बनी। अपने अध्यक्ष के निर्देश पर हम अभी अपना आंदोलन स्थगित कर रहे हैं। अध्यक्ष के केदारपुरी लौटने के बाद आंदोलन के संबंध में आगे की रणनीति के बारे में निर्णय होगा ।'

हांलांकि, उन्होंने कहा, कि अगर ट्रस्ट बुराड़ी में बनने वाले मंदिर का नाम या उसका स्वरूप न बदलने पर अड़ा रहता है तो तीर्थ पुरोहित अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं ।

इस बीच, दिल्ली में केदारनाथ जैसा मंदिर बनाने वाले ट्रस्ट के प्रमुख सुरिंदर रौतेला ने देहरादून में मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय राजधानी में बनाया जा रहा मंदिर केदारनाथ धाम नहीं है और इसके निर्माण से राज्य सरकार का कोई संबंध नहीं है ।

उन्होंने कहा, 'यह केवल केदारनाथ नाम का एक मंदिर है। मैं स्वयं भी उत्तराखंड से हूं। मैंने ऐसा केवल उत्तराखंड की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ही किया है।'

हालांकि, तीर्थ पुरोहित उनके इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं है और उनका मुख्य विरोध इस बात को लेकर है कि मंदिर और इसे बनाने वाले ट्रस्ट का नाम केदारनाथ व्यवसायिक उददेश्य से रखा गया है जो स्वीकार्य नहीं है।

केदारनाथ के एक तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि केदारनाथ धाम ट्रस्ट ने एक क्यूआर कोड भी जारी किया है जिसके जरिए मंदिर बनाने के लिए शिवभक्तों से चंदा लिया जा रहा है ।

विवाद शुरू होने के बाद से लगातार इस पर विराम लगाने का प्रयास कर रहे मुख्यमंत्री ने फिर दोहराया कि केदारनाथ धाम उत्तराखंड में मंदाकिनी और सरस्वती नदियों के किनारे पर ही हो सकता है जो दुनिया भर के हिंदुओं की आस्था का केंद्र है ।

कांग्रेस द्वारा इस मुददे पर आक्रामक रूख अख्तियार किए जाने के बारे में पूछे जाने पर धामी ने कहा, ' कांग्रेस के पास मुददे ही नहीं हैं और इसलिए वह गैर मुददों को बिना वजह तूल देती रहती है।'

उन्होंने कहा, ' केदारनाथ धाम वहीं रहेगा जहां वह सदियों से है। मंदिर बनते रहे हैं और आगे भी बनते रहेंगे ।'

इससे पहले, दिन में उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा और उनके पूर्ववर्ती गणेश गोदियाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वे दिल्ली में केदारनाथ जैसे मंदिर के निर्माण को रोकने के लिए वह सब कुछ करेंगे, जो कर सकते हैं ।

दीप्ति

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