देश की खबरें | कोयला खनन के मामले में केंद्र पर झारखंड का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है: सोरेन

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य से खनन किए गए कोयले के कारण केंद्र पर झारखंड का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है।

मेदिनीनगर (झारखंड), एक दिसंबर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य से खनन किए गए कोयले के कारण केंद्र पर झारखंड का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है।

सोरेन ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि जब इस धन के बारे में पूछा जाता है, तो केंद्र इसे टालने के लिए हथकंडे अपनाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘झारखंड से कोयला निकाला जाता है और इसके मद में केंद्र का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है। बकाया राशि के बारे में पूछने पर कोई न कोई बहाना बनाकर टालमटोल किया जाता है। जिन्होंने 20 साल तक राज्य पर शासन किया, उन्होंने कभी यह राशि या राज्य का अधिकार नहीं मांगा। यह पैसा झारखंड की जनता का है।’’

सोरेन ने आरोप लगाया कि केंद्र ने गरीबों के लिए आवास और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए धन देना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘आज हम अपने दम पर इस राज्य का निर्माण कर रहे हैं। अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ता है। कभी-कभी इसके लिए लंबे आंदोलन करने पड़ते हैं। इसके लिए हमें एकजुट होना होगा। हम अपनी इस लड़ाई को एक साथ लड़ेंगे और अपना अधिकार बरकरार रखेंगे।’’

विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला तेज करते हुए उन्होंने कहा कि यह अमीर लोगों का समूह है जो अमीरों के कल्याण के लिए काम करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘आम लोगों को बर्बाद करने के लिए रेलवे स्टेशन, बंदरगाहों और सार्वजनिक उपक्रमों को कारोबारियों को बेचा जा रहा है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम इसका पुरजोर विरोध करते रहे हैं।’’

सोरेन ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा की राजनीति में पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के लिए कोई जगह नहीं है, क्योंकि वह उस विचारधारा का प्रतिनिधित्व करती है जो पूंजीवाद का समर्थन करती है, जहां गलाकाट प्रतिस्पर्धा है।’’

मुख्यमंत्री ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत पलामू जिले में थे। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए ग्रामीण विकास जरूरी है। सोरेन ने कहा कि पलामू में ग्रामीण सड़कों के विकास के लिए करीब एक हजार करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं।

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