देश की खबरें | जदयू ने अरुणाचल प्रदेश के घटनाक्रम पर नाराजगी जतायी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. जदयू ने अरुणाचल प्रदेश में अपने विधायकों के पाला बदलकर भाजपा में जाने को लेकर रविवार को नाराजगी जतायी और कहा कि यह ‘‘यह गठबंधन राजनीति का कोई अच्छा संकेत’’ नहीं है। जदयू ने साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी के समय पालन किये जाने वाले गठबंधन धर्म पर जोर दिया।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

पटना, 27 दिसम्बर जदयू ने अरुणाचल प्रदेश में अपने विधायकों के पाला बदलकर भाजपा में जाने को लेकर रविवार को नाराजगी जतायी और कहा कि यह ‘‘यह गठबंधन राजनीति का कोई अच्छा संकेत’’ नहीं है। जदयू ने साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी के समय पालन किये जाने वाले गठबंधन धर्म पर जोर दिया।

जदयू की ओर से इस घटना को लेकर नाराजगी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद उसके महासचिव के सी त्यागी की ओर जतायी गई।

उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि अरुणाचल प्रदेश के घटनाक्रम का बिहार की राजनीति पर कोई प्रभाव नहीं होगा क्योंकि यहां उसकी गठबंधन सरकार में ‘‘कोई विवाद नहीं है।’’

नीतीश कुमार बिहार में गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं जिसमें जदयू, भाजपा, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) उसके घटक के तौर पर शामिल हैं।

पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में छह विधायकों के जदयू छोड़कर भाजपा में शामिन होने के बाद राज्य में जदयू का एक विधायक बचा है।

त्यागी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पार्टी ने अरुणाचल प्रदेश के घटनाक्रम पर नाराजगी, विरोध जताया है। यह गठबंधन की राजनीति के लिए अच्छा संकेत नहीं है।’’

त्यागी ने कहा, ‘‘साझेदारों को वैसी ‘गठबंधन राजनीति’ का पालन करना चाहिए जैसा अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल या पिछले 15 वर्षों से बिहार में किया गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन सहयोगियों को गठबंधन सरकार चलाते हुए ‘अटल धर्म’ का पालन करना चाहिए।’’

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा सफलतापूर्वक 23 सहयोगियों की गठबंधन सरकार चलाने का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके (सहयोगियों) के बीच कोई विरोधाभास नहीं था।

वह यहां पार्टी मुख्यालय में कर्पूरी ठाकुर सभागार में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी साझा कर रहे थे।

इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी विश्वासपात्र एवं राज्यसभा सदस्य रामचंद्र प्रसाद सिंह रविवार को जद (यू) का नया अध्यक्ष चुना गया। उन्हें आरसीपी सिंह के तौर पर जाना जाता है।

कुमार ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक के दौरान पार्टी के शीर्ष पद के लिए सिंह के नाम का प्रस्ताव किया जिसे अन्य सदस्यों द्वारा अनुमोदित किया गया।

त्यागी ने कहा कि पार्टी नेता ने गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा से कहा था कि उन्हें ऐसा विपक्ष नहीं मिलेगा जो सरकार के लिए किसी भी तरह की परेशानी पैदा करे और इसलिए उन्हें अरुणाचल मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ‘‘उन्हें (जदयू विधायकों को) मंत्रिमंडल में शामिल करने के बजाय उन्होंने (भाजपा) उन्हें अपनी पार्टी में शामिल किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह गठबंधन सरकार की मूल भावना के खिलाफ है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी भाजपा नेतृत्व को अपनी नाराजगी से अवगत कराएगी, उन्होंने कहा कि उन्हें नाराजगी के बारे में मीडिया के माध्यम से अवगत कराया जाएगा।

त्यागी ने नीतीश कुमार द्वारा पार्टी की बैठक में दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे और उन्होंने (कुमार) इस बारे में अपनी पार्टी और सहयोगी भाजपा दोनों को बताया था।

एक सवाल के जवाब में त्यागी ने कहा कि पार्टी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ेगी।

इस बारे में पूछे जाने पर कि पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, उन्होंने कहा कि पार्टी के राज्य प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष से परामर्श के बाद निर्णय एक या दो दिन में लिया जाएगा।

एक सवाल के उत्तर में, जदयू नेता ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) न तो बिहार में और न ही केंद्र में ही राजग का हिस्सा है।

लोजपा ने केंद्र में राजग का सहयोगी होने के बावजूद बिहार चुनाव में जदयू के खिलाफ काम किया था।

क्या पार्टी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होगी इस सवाल पर त्यागी ने कहा कि यदि पार्टी को ‘‘आनुपातिक प्रतिनिधित्व’’ मिलता है, तो पार्टी कैबिनेट में शामिल होने पर विचार करेगी और यह मुद्दा पार्टी द्वारा पहले ही स्पष्ट कर दिया गया है।

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