BJP की हार सुनिश्चित करने के लिए जाटों ने कांग्रेस को वोट दिया, लेकिन बसपा को छोड़ दिया: मायावती

बसपा नेता मायावती ने बुधवार को इस बात पर अफसोस जताया कि हरियाणा में जाट समुदाय ने विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को वोट नहीं दिया. उन्हें लगता है कि दलितों के बारे में उनकी (जाटों की) मानसिकता बदलने की जरूरत है.

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नयी दिल्ली, 9 अक्टूबर : बसपा नेता मायावती ने बुधवार को इस बात पर अफसोस जताया कि हरियाणा में जाट समुदाय ने विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को वोट नहीं दिया. उन्हें लगता है कि दलितों के बारे में उनकी (जाटों की) मानसिकता बदलने की जरूरत है. पार्टी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि मनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में आईं मायावती ने इस बात पर अफसोस जताया कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के साथ गठबंधन उनकी पार्टी के लिए लाभदायक नहीं रहा. मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने और उसे सत्ता से बाहर रखने के लिए हरियाणा में जाट समुदाय ने कांग्रेस को वोट दिया, लेकिन इस प्रक्रिया में उन्होंने बसपा को छोड़ दिया.

उन्होंने कहा कि दलित वोट जहां इनेलो की ओर चले गए, वहीं जाटों के मत उनकी पार्टी को नहीं मिले. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “बसपा उम्मीदवारों को केवल दलित वोट मिले. अगर हमें दो से तीन प्रतिशत जाट वोट भी मिल जाते तो हम कुछ सीटें जीत सकते थे.” उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों के प्रति जाट समुदाय की मानसिकता में बदलाव आया है, लेकिन हरियाणा में ऐसा होना अभी बाकी है. इनेलो ने राज्य में दो सीटें जीतीं, जबकि बसपा को एक भी सीट नहीं मिली. सत्ता विरोधी लहर के बावजूद सत्तारूढ़ भाजपा ने हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाई और सत्ता बरकरार रखी तथा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की वापसी की कोशिशों को विफल कर दिया. यह भी पढ़ें : अदालत ने राहुल गांधी की नागरिकता मामले में दस्तावेज पेश करने के लिए स्वामी को समय दिया

भाजपा ने 48 सीटें जीतकर अपनी अब तक की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि हासिल की. उसकी सीटों का आंकड़ा कांग्रेस से 11 अधिक था, जबकि जननायक जनता पार्टी (जजपा) और आम आदमी पार्टी जैसे दलों का सफाया हो गया और इनेलो को सिर्फ दो सीटें ही मिल पाईं. आप ने अकेले चुनाव लड़ा था.

अगले वर्ष फरवरी में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए मायावती ने उम्मीद जताई कि उनकी पार्टी अच्छा प्रदर्शन करेगी.

उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ आप, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला बसपा को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगा. मायावती ने स्वीकार किया कि उत्तर प्रदेश से इतर अन्य राज्यों में बसपा को प्रत्यक्ष मुकाबलों में नुकसान उठाना पड़ता है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बसपा अगले महीने महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले चुनाव भी लड़ेगी.

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