देश की खबरें | यह पता लगाना होगा है कि किस घटनाक्रम को ‘असंवैधानिक’ करार दिया जाए: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मंगलवार को कहा कि बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली, उनके समक्ष दायर याचिकाओं के संदर्भ में उन्हें यह पता लगाने की जरूरत है कि किस घटनाक्रम को ‘‘असंवैधानिक’’ माना जाए।
मुंबई, 17 अक्टूबर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मंगलवार को कहा कि बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली, उनके समक्ष दायर याचिकाओं के संदर्भ में उन्हें यह पता लगाने की जरूरत है कि किस घटनाक्रम को ‘‘असंवैधानिक’’ माना जाए।
उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कई विधायकों की अयोग्यता से संबंधित याचिकाओं पर फैसला करने में देरी को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के प्रति अप्रसन्नता जताते हुए शुक्रवार को कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष ‘‘शीर्ष अदालत के आदेशों की अनदेखी नहीं कर सकते।’’
नार्वेकर ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘अध्यक्ष का पक्ष उच्चतम न्यायालय के सामने रखा जाएगा। जल्द ही हम यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि किस घटनाक्रम को अवैध या असंवैधानिक माना जाये। तभी आगे कदम उठाया जा सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के समक्ष सुनवाई पूरी हो जाने के बाद साफ हो जाएगा कि मामले में कैसे आगे बढ़ना है।’’
अयोग्यता याचिकाओं के संबंध में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के आरोपों पर नार्वेकर ने कहा, ‘‘मैं उनकी आलोचना का जवाब नहीं देना चाहता। उन्हें विधानमंडल की कार्यवाही समझ नहीं आती। सदन के खिलाफ उनकी टिप्पणियों को अध्यक्ष के फैसले को प्रभावित करने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है।’’
पिछले साल जून में शिंदे के नेतृत्व में हुए विद्रोह के कारण शिवसेना दो गुटों में विभाजित हो गई थी और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई। इसके बाद शिवसेना के, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले गुट ने राज्य में भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई। बाद में ठाकरे गुट ने मुख्यमंत्री के खेमे के कई विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका दायर की।
उच्चतम न्यायालय ने गत 18 सितंबर को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश दिया था कि शिंदे और अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर फैसले के लिए समयसीमा बतायें। शिंदे और अन्य विधायकों ने नई सरकार बनाने के लिये 2022 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हाथ मिला लिया था।
ठाकरे गुट ने जुलाई में शीर्ष अदालत का रुख किया और राज्य विधानसभा अध्यक्ष को अयोग्यता याचिकाओं पर समयबद्ध तरीके से शीघ्र फैसला करने का निर्देश देने की मांग की थी।
अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में सुनील प्रभु ने पिछले साल शिंदे और 15 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी। साथ ही यह भी आरोप लगाया था कि नार्वेकर अदालत के आदेश के बावजूद जानबूझकर फैसले में देरी कर रहे हैं।
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