विदेश की खबरें | ईरानी राष्ट्रपति ने गाजा में युद्ध और इजराइल को समर्थन के लिए पश्चिम की आलोचना की

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. बगदाद, 11 सितंबर (एपी) ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने बुधवार को पश्चिम की आलोचना करते हुए कहा कि इजराइल, गाजा में 'नरसंहार कर रहा है' और ऐसा करने के लिए यूरोपीय तथा अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

बगदाद, 11 सितंबर (एपी) ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने बुधवार को पश्चिम की आलोचना करते हुए कहा कि इजराइल, गाजा में 'नरसंहार कर रहा है' और ऐसा करने के लिए यूरोपीय तथा अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है।

पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के दौरान बगदाद में भाषण देने वाले पेजेश्कियान को उम्मीद है कि इससे बगदाद के साथ तेहरान के संबंध मजबूत होंगे।

ईरान फलस्तीनी उग्रवादी समूह हमास का कट्टर समर्थक रहा है। हमास के सात अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल पर हमला करने के बाद गाजा पट्टी में युद्ध की शुरुआत हुई।

स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, युद्ध शुरू होने के बाद से गाजा में 40,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं।

युद्ध ने भारी तबाही मचाई है और गाजा की 23 लाख की आबादी में से लगभग 90 प्रतिशत को कई बार विस्थापित होना पड़ा है।

पेजेश्कियान ने कहा, "इजराइली इकाई महिलाओं, बच्चों, युवा पुरुषों और बुजुर्गों के खिलाफ नरसंहार कर रही है। वे अस्पतालों और स्कूलों पर बमबारी कर रहे हैं।"

उन्होंने बिना विस्तार से बताए बिना कहा, "ये सभी अपराध यूरोपीय और अमेरिकी गोला-बारूद और बमों का उपयोग करके किए जा रहे हैं।"

पेजेश्कियान के आगमन से पहले मंगलवार रात बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास अमेरिकी सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली जगह पर विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है और विस्फोट की परिस्थितियां भी स्पष्ट नहीं हैं।

अमेरिकी दूतावास ने बाद में इसे एक अमेरिकी राजनयिक सुविधा केंद्र 'बगदाद डिप्लोमैटिक सर्विसेज कंपाउंड' पर 'हमला' बताया और कहा कि वह 'नुकसान का आकलन' कर रहा है तथा विस्फोट के कारण का पता लगा रहा है। इसने आगे कोई विवरण नहीं दिया।

पेजेश्कियान की यात्रा दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है।

ईरान के लिए इराक के साथ उसके संबंध आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक कारणों से महत्वपूर्ण बने हुए हैं। यह बात विशेष रूप से तब से सच साबित हुई है जब 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में इराक पर हमला हुआ, जिसके बाद तानाशाह सद्दाम हुसैन का तख्ता पलट किया गया। सद्दाम ने 1980 के दशक में ईरान के खिलाफ युद्ध छेड़ा था, जो वर्षों तक चला।

इस बीच बगदाद, तेहरान के साथ अपने संबंधों को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है। ईरान देश में शक्तिशाली शिया मिलिशिया का समर्थन करता है। वह अमेरिका के साथ भी रिश्तों को पटरी पर लाने का इच्छुक है। इराक में अमेरिका के 2,500 सैनिक हैं जो अब भी एक समय के प्रभावशाली चरमपंथी इस्लामिक स्टेट समूह के बचे हुए हिस्से के साथ संघर्ष कर रहे हैं।

इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने पेजेश्कियान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दोनों पड़ोसी देशों ने बुधवार को संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 14 सहमति ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी वचन दिया कि इराक के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल इस्लामिक गणराज्य पर हमलों के लिए नहीं किया जाएगा।

जुलाई में ईरान के नये राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले चुके पेजेश्कियान अपनी यात्रा के दौरान कर्बला और नजफ शहरों में शिया धार्मिक स्थलों का भी दौरा करेंगे।

हालांकि ईरान और इराक के बीच अब भी तनाव बना हुआ है।

यात्रा से पहले ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने एक इराकी टेलीविजन चैनल को बताया कि पेजेश्कियान को बगदाद के साथ सुरक्षा संबंधों के साथ-साथ आर्थिक संबंधों के भी मजबूत होने की उम्मीद है।

इराक में अमेरिकी सैनिकों की निरंतर मौजूदगी ईरान के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

वहीं इराकी राजनेता इस मुद्दे पर बहस जारी रखे हुए हैं कि देश में अमेरिकी सैनिकों के बने रहने का समर्थन किया जाए या नहीं।

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