देश की खबरें | भारत का विकास इसके लोगों के दृष्टिकोण और आकांक्षाओं पर आधारित होगा : मोहन भागवत

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि भारत का विकास लोगों के दृष्टिकोण और आकांक्षाओं पर आधारित होगा।

मुंबई, 19 दिसंबर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि भारत का विकास लोगों के दृष्टिकोण और आकांक्षाओं पर आधारित होगा।

मोहन भागवत ने कहा,‘‘यदि भारत, अमेरिका और चीन को देखकर विकास करता है तो यह भारत का विकास नहीं होगा। यह विकास हो सकता है, लेकिन तब हमारा देश चीन और अमेरिका जैसा हो जाएगा। ’’

आरएसएस प्रमुख ने रविवार को मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘भारत का विकास उसके दृष्टिकोण, उसके लोगों की स्थिति तथा आकांक्षाओं, संस्कृति और दुनिया के प्रति हमारे देश के दृष्टिकोण के आधार पर होगा।’’

धर्म पर मोहन भागवत ने कहा, ‘‘ऐसा धर्म जो मनुष्य को समृद्ध बनाता है लेकिन प्रकृति को नष्ट कर देता है, वह धर्म नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर भारत मजबूत होता है तो हम चीन और अमेरिका की तरह डंडा नहीं चलाएंगे, लेकिन हमारी वजह से डंडा चलाने वाले ऐसा करना बंद कर देंगे।’’

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत का विकास मॉडल खुद को विकसित करने और अन्य देशों को आपस में लड़ने देने के बारे में नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के विकास का मतलब पूरे विश्व की प्रगति है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत जैसे-जैसे मजबूत और समृद्ध होता जा रहा है, दुनिया भर में भारतीयों का सिर ऊंचा हो रहा है। पहले शायद ही किसी ने इस ओर ध्यान दिया था, लेकिन अब भारत को जी-20 समूह की अध्यक्षता करने के लिए कहा गया है।’’

भागवत ने कहा, ‘‘हम रूस को यूक्रेन के साथ युद्ध जारी नहीं रखने के लिए कह रहे हैं और यह बताता है कि भारत एक अच्छा देश है। अगर हमने अतीत में ऐसा कहा होता, तो रूस के साथ हमारे संबंध प्रभावित हुए होते। यह दर्शाता है कि भारत आगे बढ़ रहा है और भारतीयों की प्रतिष्ठा बढ़ रही है।’’

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