Paris Olympic 2024: कल ओलंपिक में कुश्ती में विनेश फोगाट सहित भारतीय पहलवानों को देनी होगी कड़ी परीक्षा, पदक जीतने का सिलसिला जारी रखने की कोशिश
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Sports at LatestLY हिन्दी. भारत को अगर ओलंपिक खेलों की कुश्ती प्रतियोगिता में पदक जीतने का सिलसिला जारी रखना है तो फिर सोमवार से यहां शुरू होने वाले मुकाबलों में विनेश फोगाट सहित सभी छह पहलवानों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
पेरिस, चार अगस्त: भारत को अगर ओलंपिक खेलों की कुश्ती प्रतियोगिता में पदक जीतने का सिलसिला जारी रखना है तो फिर सोमवार से यहां शुरू होने वाले मुकाबलों में विनेश फोगाट सहित सभी छह पहलवानों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा. यह भी पढ़ें: Badminton At Paris Olympic 2024 Live Streaming: आज बैडमिंटन सेमीफाइनल में लक्ष्य सेन का सामना विक्टर एक्सेलसन से होगा, यहां जानें कब- कहां और कैसे देखें लाइव प्रसारण
भारत ने बीजिंग ओलंपिक 2008 से लेकर प्रत्येक ओलंपिक खेल में कुश्ती में पदक जरूर जीता है. ऐसे में सभी की निगाह अनुभवी पहलवान विनेश पर टिकी रहेंगी जिनका पिछला कुछ समय उथल-पुथल में बीता है. विनेश ने विश्व चैंपियनशिप में दो, राष्ट्रमंडल खेलों में तीन और एशियाई चैंपियनशिप में आठ पदक जीते हैं लेकिन वह अभी तक ओलंपिक पदक नहीं जीत सकी है.
ओलंपिक से पहले विनेश को अभ्यास का पर्याप्त मौका नहीं मिला। वह भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप को लेकर धरना प्रदर्शन करने वाली प्रमुख खिलाड़ियों में शामिल रही.
विनेश की चुनौतियां यहीं पर समाप्त नहीं हुई. वह विश्व चैंपियनशिप में भाग नहीं ले सकी. अंतिम पंघाल ने उनके वजन वर्ग 53 किग्रा में कोटा हासिल कर दिया. इस कारण विनेश को 50 किग्रा वजन वर्ग में अपनी चुनौती पेश करनी पड़ रही है. वह गैर वरीयता प्राप्त है जिसका मतलब है कि उनका सफर आसान नहीं होगा.
विनेश के इस वजन वर्ग में कई दिग्गज पहलवान शामिल हैं जिनमें चार बार की विश्व चैंपियन युई सुसाकी, चार बार की ओलंपिक पदक विजेता मारिया स्टैडनिक, तोक्यो खेलों की कांस्य विजेता सारा हिल्डेब्रांट और दो बार की विश्व पदक विजेता डोलगोरजाविन ओटगोंजरगल प्रमुख हैं.
अंशू मलिक (महिला 57 किग्रा) और अमन सहरावत (पुरुषों का 57 किग्रा) भी पदक के दावेदारों में शामिल हैं. अंशु की फिटनेस को लेकर हालांकि संदेह बना हुआ है क्योंकि अभ्यास के दौरान उनकी गर्दन में ऐंठन आ गई थी.
अंतिम पंघाल की तैयारी भी अनुकूल नहीं रही हैं. उन्हें पिछले साल एशियाई खेलों के बाद प्रतियोगिताओं में किसी तरह की कड़ी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा है. पीठ की चोट के कारण वह इस साल मार्च में एशियाई चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाई थीं.
भारत पहली बार महिलाओं के 76 किग्रा हैवीवेट वर्ग में चुनौती पेश करेगा जिसमें रीतिका दांव लगाएगी. उन्हें पदक का दावेदार नहीं माना जा रहा है लेकिन वह छुपा रुस्तम साबित हो सकती है और अपने प्रदर्शन से लोगों को चौंका सकती है.
ओलंपिक में चुनौती पेश कर रही भारत की एक अन्य पहलवान निशा दहिया के पास बहुत कम अनुभव है. वह महिलाओं के 68 किग्रा भार वर्ग में अपनी चुनौती पेश करेगी.
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