विदेश की खबरें | अबू धाबी में मोदी के सामुदायिक कार्यक्रम, मंदिर उद्घाटन के चलते भारतीय अधिकारी तैयारियों में व्यस्त
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

दुबई, 31 जनवरी भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम और एक हिंदू मंदिर के उद्घाटन समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 13-14 फरवरी को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा को लेकर भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास के अधिकारी दिन-रात तैयारियों में जुटे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी 13 फरवरी को अबू धाबी के शेख जायद स्टेडियम में भारतीय समुदाय शिखर सम्मेलन ‘अहलान मोदी’ (हेलो मोदी) को संबोधित करेंगे और 14 फरवरी को यूएई की राजधानी में बीएपीएस हिंदू मंदिर के उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे।

‘अहलान मोदी’ कार्यक्रम के बारे में यूएई में भारत के राजदूत संजय सुधीर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि स्वागत समारोह स्थल पर हजारों की संख्या में लोग जुटेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने 22 सितंबर, 2019 को अमेरिका के टेक्सास में ह्यूस्टन में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ 'हाउडी मोदी' नामक एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित किया था।

प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए एक पंजीकरण पोर्टल स्थापित किया गया है और प्रतिभागियों को कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाने के लिए सभी अमीरात से परिवहन की व्यवस्था की जा रही है। यह कार्यक्रम यूएई में 150 भारतीय सामुदायिक संगठनों द्वारा मिलकर आयोजित किया जा रहा है।

कार्यक्रम को शानदार बनाने के लिए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा गया है जिसमें 400 स्थानीय प्रतिभाएं शामिल होंगी।

पिछले तीन वर्षों के दौरान, राजस्थान और गुजरात के 2,000 से अधिक कारीगरों ने मंदिर के लिए सफेद संगमरमर के 402 स्तंभों को तराशा है।

इससे पहले, गणतंत्र दिवस मनाने के लिए आमंत्रित राजनयिकों की एक सभा को संबोधित करते हुए राजदूत सुधीर ने कहा कि 35 लाख से अधिक भारतीय संयुक्त अरब अमीरात को अपना घर कहते हैं। उन्होंने कहा कि देश के नेताओं द्वारा दिखाए गए स्नेह के लिए वह धन्यवाद व्यक्त करते हैं।

राजदूत सुधीर ने कहा, "हाल के वर्षों में द्विपक्षीय संबंधों के सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में से एक अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर का निर्माण है।"

उन्होंने कहा, “मंदिर, जिसका उद्घाटन 14 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए जाने की उम्मीद है, एक आकर्षक आध्यात्मिक स्थल होगा। अबू धाबी के बाहरी इलाके में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थापित यह मंदिर हमारे पूर्वजों-महात्मा गांधी और शेख जायद की आकांक्षा के अनुसार शांति और सहिष्णुता की स्थायी परंपरा का प्रमाण होगा।”

राजदूत की घोषणा के अनुरूप मंदिर के उद्घाटन से पहले इसकी स्थापत्य कला की एक झलक पाने के लिए 42 देशों के राजदूतों के लिए सोमवार को पूर्वावलोकन कार्यक्रम आयोजित किया गया।

अपने स्वागत भाषण में, राजदूत सुधीर ने मंदिर निर्माण पूरा होने पर अपना उत्साह साझा किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह असंभव लग रहा था, लेकिन सपना सचमुच हकीकत बन गया है।’’

बीएपीएस हिंदू मंदिर परियोजना के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहरिदास ने अपने मुख्य भाषण में, मंदिर के ऐतिहासिक महत्व, निर्माण प्रक्रिया और इसके वैश्विक प्रभाव के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने अंतर-धार्मिक और अंतर-सांस्कृतिक सद्भाव के एक शक्तिशाली आधार के रूप में मंदिर की भूमिका पर जोर दिया और यूएई तथा भारतीय नेतृत्व दोनों के प्रति आभार व्यक्त किया।

नेपाल के राजदूत तेज बहादुर छेत्री ने मंदिर को "तीर्थभूमि" की संज्ञा देते हुए कहा, ‘‘यह एक प्रेरणादायक भवन है जो हमें प्रेम, सद्भाव और सहिष्णुता की शिक्षा देता है। यह कुछ ऐसा है जिसे हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को उपहार में देंगे। महंत स्वामी महाराज एक महान साधु हैं। उनकी वजह से लोग इस मंदिर के निर्माण के लिए प्रेरित हुए और यह एक बड़ी सफलता है।’’

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