नयी दिल्ली, 17 नवंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार भारत को वैश्विक निवेश की एक पसंदीदा जगह बनाने की दिशा में कोई प्रयास बाकी नहीं छोड़ेगी। उन्होंने विशाल बाजार के साथ कारोबार के अनुकूल माहौल की पेशकश करते हुए वैश्विक निवेशकों से भारत के शहरी केंद्रों के आधुनिकीकरण की परियोजनाओं में निवेश के अवसरों का फायदा उठाने को कहा।
मोदी ने कहा कि महामारी के बाद जब देश अपना पुनर्निर्माण करेंगे, कोविड-19 ने उन देशों की सरकारों को शहरों को लोगों के जीवन के लिए और अधिक अच्छा बनाने का अवसर दिया है।
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उन्होंने ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम में कहा, ‘‘हम ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं, जहां शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और खरीदारी का बड़ा हिस्सा ऑनलाइन हो सकता है। हमारे शहरों को भौतिक व डिजिटल दुनिया के संयुक्त स्वरूप के लिये तैयार रहना होगा’’
मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने दुनिया के समक्ष कई बड़ी चुनौतियां खड़ी की हैं। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दो विश्वयुद्धों के बाद पुनर्निर्माण के जो ऐतिहासिक प्रयास किये गये थे, उनसे हमें सीखने को कई बातें मिल सकती हैं।
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इन महायुद्धों के बाद पूरी दुनिया ने एक नयी विश्व व्यवस्था के लिए काम किया। नये प्रोटोकॉल विकसित किये गये और दुनिया ने अपने-आप को बदल लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 ने हर क्षेत्र में नये प्रोटोकॉल विकसित करने का हमें उसी प्रकार का असवर प्रदान किया है। यदि हम भविष्य के लिये टिकाऊ प्रणाली विकसित करना चाहते हैं, तो दुनिया को चाहिए कि वह अवसर को हाथों-हाथ ले। हमें कोविड के बाद के युग में दुनिया की जरूरतों पर सोचना चाहिये। शुरुआत करने के लिये हमारे शहरी केंद्रों का पुनरुद्धार अच्छा क्षेत्र हो सकता है।’’
मोदी ने कहा कि इस मुश्किल समय में भारतीय शहरों ने असाधारण उदाहरण पेश किये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया भर में लॉकडाउन के कदमों के विरोध के मामले सामने आये। हालांकि भारतीय शहरों ने पाबंदी के सभी उपायों का सख्ती से पालन किया। यह संभव हुआ, क्योंकि हमारे लिये हमारे शहरों का मूल तत्व कंक्रीट न होकर समुदाय (कम्युनिटी) है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, महामारी ने इस बात पर फिर से जोर दिया है कि ‘समाज और व्यवसायों के नाते हमारे लोग हमारे सबसे बड़े संसाधन हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड के बाद की दुनिया को इस मुख्य व मूलभूत संसाधन को समृद्ध बनाना चाहिये।
उन्होंने कहा, भारत में ऐसे शहरी केंद्र बनाने का प्रयास किया जाता रहा है, जहां एक शहर की सुविधाएं तो हों लेकिन भावनाएं एक गांव की हों।
उन्होंने शहरीकरण, आवागमन, नवोन्मेष और टिकाऊ समाधान जैसे क्षेत्रों में निवेश के मौके तलाशने वालों के लिये भारत को सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य के तौर पर पेश किया।
मोदी ने कहा कि अगले दो दशक में भारत तथा कुछ अफ्रीकी देशों में शहरीकरण की सबसे बड़ी लहर देखने को मिलेगी।
उन्होंने कहा कि हमें कोरोना काल के बाद की दुनिया लोगों के हिसाब से बनानी होगी और शहरों को लोगों के लिये अधिक जीने योग्य बनाना चाहिये। उन्होंने कहा कि मानसिकता, प्रक्रिया और प्रचलन को पुन: समायोजित किये बिना कोरोना काल के बाद का पुन: प्रारंभ संभव नहीं है।
मोदी ने कहा कि सरकार 2022 की समयसीमा से पहले एक करोड़ किफायती आवास तैयार करके देगी।
उन्होंने बताया कि 100 स्मार्ट शहरों में दो लाख करोड़ रुपये तक निवेश किये जा रहे हैं। इनमें से 1.4 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं या तो पूरी हो चुकी हैं, या पूरी होने के करीब हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘यदि आप शहरीकरण में निवेश करना चाह रहे हैं, तो भारत में आपके लिये रोमांचक अवसर हैं। यदि आप आवागमन में निवेश करना चाहते हैं, तो भारत में आपके लिये रोमांचक अवसर हैं। यदि आप स्थायी समाधानों में निवेश करना चाहते हैं, तो भारत में आपके लिये रोमांचक अवसर हैं।’’
उन्होंने कहा, ये अवसर जीवंत लोकतंत्र, व्यापार के अनुकूल वातावरण और एक बड़े बाजार के साथ मिलते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत शहरी परिवर्तन के रास्ते पर अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है।’’
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