विदेश की खबरें | भारत ने जैविक एजेंटों के हथियारों के रूप में दुरुपयोग के ‘बढ़ते’ खतरे पर आगाह किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. भारत ने कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में जैविक एजेंटों और रसायनों के हथियारों के रूप में दुरुपयोग के खतरे को लेकर आगाह किया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसके प्रसार के तेजी से बढ़ते जोखिमों का समाधान करने का आह्वान किया है।
संयुक्त राष्ट्र, एक जून भारत ने कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में जैविक एजेंटों और रसायनों के हथियारों के रूप में दुरुपयोग के खतरे को लेकर आगाह किया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसके प्रसार के तेजी से बढ़ते जोखिमों का समाधान करने का आह्वान किया है।
भारत ने कहा कि नयी और उभरती प्रौद्योगिकियां, आतंकवादी संगठनों और सरकार से इतर तत्वों की सामूहिक विनाश के हथियारों (डब्ल्यूएमडी) तक पहुंच का जोखिम बढ़ा सकती हैं। भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन में सलाहकार ए अमरनाथ ने मंगलवार को कहा, ‘‘आतंकवादियों और सरकार से इतर तत्वों की सामूहिक विनाश के इन हथियारों तक पहुंच से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हो सकता है।’’
परमाणु, रासायनिक और जैविक हथियारों के प्रसार पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1540 समिति के खुले परामर्श सत्र में अमरनाथ ने कहा कि एक प्रमुख क्षेत्र जिस पर अंतराष्ट्रीय समुदाय को ध्यान देने की आवश्यकता है, वह है प्रसार के जोखिमों का तेजी से बढ़ना।
उन्होंने कहा, ‘‘नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों आतंकवादी संगठनों और सरकार से इतर तत्वों की डब्ल्यूएमडी तक पहुंच के जोखिमों को बढ़ा सकती हैं। मिसाइलों और मानव रहित हवाई प्रणालियों जैसी आपूर्ति प्रणालियों तक आतंकवादियों और सरकार से इतर समूहों की पहुंच हासिल करने की बढ़ती क्षमताओं ने आतंकवाद में डब्ल्यूएमडी के उपयोग का खतरा बढ़ा दिया है।
अमरनाथ ने कहा, ‘‘इसी तरह, कोविड-19 के युग में रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान में प्रगति के साथ जैविक एजेंटों और रसायनों का हथियारों के रूप में दुरुपयोग का खतरा बढ़ गया है। इन मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और समिति इस क्षेत्र में सदस्य राष्ट्रों की सहायता कैसे कर सकती है, इसके लिए खुला परामर्श एक उपयोगी मंच होगा।’’
कोरोना वायरस के प्रकोप का मामला पहली बार दिसंबर, 2019 में मध्य चीन के वुहान शहर में सामने आया था, जिसने जल्द महामारी का रूप ले लिया। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के 530,022,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जबकि इस बीमारी ने 6,292,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत ‘संकल्प 1540’ को लागू किए जाने को बहुत महत्व देता है। अमरनाथ ने कहा, ‘‘वैश्विक अप्रसार के लिए दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के साथ हमने संकल्प 1540 के प्रावधानों को लागू करने के लिए एक मजबूत कानून-आधारित, राष्ट्रीय प्रणाली स्थापित की है।’’
अमरनाथ ने कहा, ‘‘हम सरकार से इतर समूहों को डब्ल्यूएमडी प्राप्त करने से रोकने के लिए आईएईए (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी), यूएनओडीए (निरस्त्रीकरण मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय) जैसे अन्य प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र निकायों और इस परिषद की आतंकवाद रोधी समितियों जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ 1540 समिति के बढ़ते सहयोग और समन्वय का भी समर्थन करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि यूएनएससी के प्रस्ताव 1540 में आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों को सरकार से इतर उन प्रमुख तत्वों के रूप में पहचाना जाता है, जो सामूहिक विनाश के हथियारों और उनकी आपूर्ति के साधनों का अधिग्रहण, विकास, परिवहन या उपयोग कर सकते हैं।
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