देश की खबरें | भारत-अमेरिका स्वच्छ ऊर्जा पर ध्यान के लिए रणनीतिक साझेदारी में कर रहे सुधार: जितेंद्र सिंह

नयी दिल्ली, 14 सितंबर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका जैव ईंधन और हाइड्रोजन जैसे स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी रणनीतिक साझेदारी में सुधार कर रहे हैं।

अमेरिका के ऊर्जा उप मंत्री डेविड एम. टर्क के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान सिंह ने कहा कि अपने परमाणु और नाभिकीय कार्यक्रम को बढ़ावा देने की भारत की प्रतिबद्धता न केवल स्वच्छ ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत प्रदान करने के लिए है बल्कि स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों में उपयोग का एक प्रमुख साधन भी है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा परमाणु ऊर्जा मंत्री सिंह ने कहा, ‘‘अगले दस वर्षों मे भारत तीन गुना से अधिक परमाणु ऊर्जा का उत्पादन करेगा और वर्तमान में 6780 मेगावाट से वर्ष 2031 तक इसके 22,480 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है क्योंकि भविष्य में और अधिक परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की भी योजना है।’’

स्वच्छ और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भारत तथा अमेरिका के बीच और अधिक सहयोग का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भारत और अमेरिका जैव ईंधन और हाइड्रोजन जैसे स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी रणनीतिक साझेदारी में सुधार कर रहे हैं।’’

टर्क ने हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में भारत के साथ गहरे जुड़ाव का भी वादा किया, जैसा कि हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में इसकी घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि यह जलवायु परिवर्तन और उत्सर्जन रोकने संबंधी मुद्दों के लिए भी अनिवार्य है। दोनों देशों ने ‘यूएस-इंडिया गैस टास्क फोर्स’ के परिवर्तन के लिए भी हस्ताक्षर किए हैं। यह प्राकृतिक गैस के साथ जैव ऊर्जा, हाइड्रोजन और नवीकरणीय ईंधन के बीच आपसी संबंधों पर पर जोर देगा।

सिंह ने कहा कि खाद्य संरक्षण के लिए गामा विकिरण प्रौद्योगिकी को पहले ही निजी कंपनियों के साथ साझा किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि फिलहाल देश में निजी, अर्ध-सरकारी और सरकारी क्षेत्र में विभिन्न उत्पादों के विकिरण के लिए 26 गामा विकिरण प्रसंस्करण संयंत्र संचालित हैं। उन्होंने कैंसर और अन्य बीमारियों के किफायती उपचार के माध्यम से मानवता के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए चिकित्सा आइसोटोप के उत्पादन के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) में एक अनुसंधान रिएक्टर स्थापित करने के प्रस्ताव के बारे में भी चर्चा की।

टर्क ने सिंह को आश्वासन दिया कि अमेरिका परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के साथ अपने सहयोग को और मजबूत करेगा क्योंकि वहां बहुत अधिक संभावना है।

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