भारत को कोरोना वायरस मामलों का पता लगाने के लिए जांच और अधिक तेजी से करने की जरूरत: विशेषज्ञ

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में बुधवार को कोविड-19 से मरनेवालों की संख्या 375 के आंकड़े को पार कर गई और संक्रमण के मामलों की संख्या लगभग 11,500 हो गई।

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नयी दिल्ली, 15 अप्रैल विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत को कोरोना वायरस के मामलों का पता लगाने के लिए जांच और अधिक तेजी से करने की आवश्यकता है, ताकि महामारी पर समय पर काबू पाया जा सके।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में बुधवार को कोविड-19 से मरनेवालों की संख्या 375 के आंकड़े को पार कर गई और संक्रमण के मामलों की संख्या लगभग 11,500 हो गई।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के अनुसार 14 अप्रैल तक 2,44,893 नमूनों की जांच की गई जो एक दिन पहले जांचे गए 2,17,554 नमूनों से 27,339 अधिक हैं।

विशेषज्ञों को लगता है कि देश की एक अरब 30 करोड़ की आबादी के लिहाज से जांचे गए नमूने पर्याप्त नहीं हैं तथा कोविड-19 से निपटने के लिए और अधिक नमूनों की जांच किए जाने की आवश्यकता है।

कोरोना वायरस के मामलों और जांचे गए नमूनों की संख्या का वैश्विक आंकड़ा दर्शाने वाली वर्ल्डमीटर्स डॉट इन्फो के अनुसार अमेरिका लगभग 3,1,00,387 नमूनों की जांच कर चुका है यानी कि प्रति 10 लाख लोगों में से 9,367 की जांच। अमेरिका में कोरोना वायरस 26 हजार से अधिक लोगों की जान ले चुका है।

वहीं, भारत में 2,44,893 नमूनों की जांच हुई है जिसका मतलब है प्रति 10 लाख लोगों में औसतन 177 लोगों की जांच।

फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल फरीदाबाद के सीनियर कंसल्टैंट डा. रवि शेखर झा का कहना है कि भारत सही दिशा में जा रहा है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।

उन्होंने पीटीआई- से कहा, ‘‘हमारी बड़ी आबादी को देखते हुए परीक्षणों की संख्या में और तेजी लाए जाने की आवश्यकता है।’’

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