जरुरी जानकारी | एमएसएमई को प्रतिस्पर्धी बनाकर वैश्विक व्यापार में अपनी हिस्सेदारी दोगुनी कर सकता है भारत : सीआईआई

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. वैश्विक मूल्य शृंखलाओं से गहरा जुड़ाव, डिजिटल व्यापार के बुनियादी ढांचे में विस्तार और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को प्रतिस्पर्धी बनाने पर ध्यान केंद्रित करने से भारत को वैश्विक व्यापार में अपनी हिस्सेदारी को दोगुना करने में मदद मिलेगी। अभी यह दो प्रतिशत है। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने बुधवार को यह बात कही।

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर वैश्विक मूल्य शृंखलाओं से गहरा जुड़ाव, डिजिटल व्यापार के बुनियादी ढांचे में विस्तार और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को प्रतिस्पर्धी बनाने पर ध्यान केंद्रित करने से भारत को वैश्विक व्यापार में अपनी हिस्सेदारी को दोगुना करने में मदद मिलेगी। अभी यह दो प्रतिशत है। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने बुधवार को यह बात कही।

आयात एवं निर्यात पर गठित सीआईआई की राष्ट्रीय समिति के चेयरमैन संजय बुधिया ने कहा कि उद्योग मंडल विनिर्माण और निर्यात वृद्धि में बाधा डालने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों के समाधान के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस यात्रा के लिए वैश्विक मूल्य शृंखलाओं के साथ गहरा जुड़ाव, डिजिटल व्यापार बुनियादी ढांचे में वृद्धि और एमएसएमई इकाइयों को प्रतिस्पर्धा के लायक बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत होगी।’’

बुधिया ने निर्यात क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न बंदरगाहों और स्थानों से संबंधित परिपत्रों को जारी करने के लिए एकसमान ऑनलाइन पोर्टल लाने का सुझाव भी दिया।

उन्होंने कहा कि विकसित देशों के बेहतरीन तौर-तरीकों को अपनाने के साथ सीमा शुल्क अग्रिम निर्णय प्राधिकरण विनियमन, 2021 को लागू करने की भी जरूरत है क्योंकि यह वैश्विक व्यापार लागत को कम करने और शुल्क देयता में निश्चितता लाने में योगदान देगा।

सीआईआई के पदाधिकारी ने अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर (एईओ) कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए उपाय किए जाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इसने निर्यातकों में काफी आत्मविश्वास जगाया है और वे अपने कार्यस्थल पर अपने समय का अधिक उत्पादक रूप से इस्तेमाल कर रहे हैं।

इसके अलावा उन्होंने मुकदमेबाजी को कम करने और विभाग और आयातक के बीच कोई विवाद न होने पर रिफंड प्रक्रिया को सुचारू बनाने का भी सुझाव दिया।

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