देश की खबरें | भारत ने सीरिया की स्थिरता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने का आह्वान किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार को विद्रोहियों द्वारा अपदस्थ किए जाने के एक दिन बाद, भारत ने अरब राष्ट्र की स्थिरता, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने का दुनिया के अन्य देशों के साथ मिलकर सोमवार को आह्वान किया।
नयी दिल्ली, नौ दिसंबर सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार को विद्रोहियों द्वारा अपदस्थ किए जाने के एक दिन बाद, भारत ने अरब राष्ट्र की स्थिरता, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने का दुनिया के अन्य देशों के साथ मिलकर सोमवार को आह्वान किया।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह सीरिया में जारी घटनाक्रम पर नजर रख रहा है। भारत ने स्थिरता लाने के लिए सीरिया की अगुवाई वाली समावेशी तथा शांतिपूर्ण राजनीतिक प्रक्रिया की वकालत की।
विद्रोहियों ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर रविवार को कब्जा कर लिया था और सीरिया की सरकार गिर गई। असद देश छोड़कर चले गए हैं। इसे उनके परिवार के 50 साल के शासन का अंत कहा जा रहा है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हम जारी घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में सीरिया के हालात पर नजर रख रहे हैं। हम सभी दलों के सीरिया की एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के संरक्षण के लिए काम करने की जरूरत पर जोर देते हैं।’’
उसने कहा, ‘‘हम सीरियाई समाज के सभी वर्गों के हितों और आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए सीरिया के नेतृत्व में शांतिपूर्ण एवं समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया की वकालत करते हैं।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दमिश्क में भारतीय दूतावास सीरिया में भारतीय समुदाय की सुरक्षा के लिए उनके साथ संपर्क में है।
विद्रोहियों द्वारा सत्ता पर कब्जा किए जाने के कुछ घंटे बाद, रविवार को दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सीरिया में सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं।
रूस के राष्ट्रपति के कार्यालय ‘क्रेमलिन’ ने सोमवार को कहा कि रूस ने सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर असद को राजनीतिक शरण दी है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने संवाददाताओं को बताया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने असद को शरण देने का निर्णय व्यक्तिगत रूप से लिया।
हालांकि, पेस्कोव ने यह नहीं बताया कि असद कहां ठहरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पुतिन की असद से मिलने की योजना नहीं है।
कई प्रमुख देशों ने सीरिया में लगभग 14 साल लंबे असद शासन के पतन का स्वागत किया है। उनके शासन के दौरान पूरे सीरिया में गृह युद्ध के हालात रहे।
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि असद के शासन का पतन सीरिया के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है क्योंकि इस शासन ने बीते 50 साल में हजारों निर्दोष सीरियाई लोगों के साथ क्रूरता की, उन्हें प्रताड़ित किया और उनकी जान ली।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, ‘‘14 साल के संघर्ष के बाद, सीरियाई लोगों के पास आखिरकार उम्मीद की किरण है। 2011 से असद शासन द्वारा प्रामाणिक राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होने से इनकार करना और रूस और ईरान के क्रूर समर्थन पर निर्भरता अनिवार्य रूप से उनके पतन का कारण बनी।’’
ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका एक समावेशी सीरिया नीत प्रक्रिया के माध्यम से एक जवाबदेह सीरियाई सरकार को सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण का दृढ़ता से समर्थन करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस संक्रमण काल के दौरान, सीरियाई लोगों को राज्य संस्थानों के संरक्षण, प्रमुख सेवाओं की बहाली और कमजोर समुदायों की सुरक्षा की मांग करने का पूरा अधिकार है।’’
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने सीरिया में हुए घटनाक्रम को ‘‘अभूतपूर्व’’ बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘सीरियाई लोगों ने असद के बर्बर शासन में बहुत लंबे समय तक कष्ट झेले हैं और हम उनके जाने का स्वागत करते हैं। हमारा ध्यान अब यह सुनिश्चित करने पर है कि राजनीतिक समाधान हो और शांति एवं स्थिरता बहाल हो।’’
फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने असद शासन के पतन का स्वागत किया और कहा कि एकता का समय आ गया है।
फ्रांस ने कहा, ‘‘फ्रांस हथियारों को रखने, लोकतांत्रिक संस्थाओं को संरक्षित करने और सीरिया की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का आह्वान करता है।’’
फ्रांस ने शांतिपूर्ण राजनीतिक परिवर्तन की भी वकालत की, जिसमें सीरियाई लोगों की विविधता का सम्मान हो और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार नागरिकों एवं सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा हो।
फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह सभी सीरियाई लोगों से एकजुट होने, मेल-मिलाप रखने और सभी प्रकार के चरमपंथ को खारिज करने का आह्वान करता है।’’
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