देश की खबरें | विश्व को दिशा देने के लिए भारत-ऑस्ट्रेलिया को मिलकर काम करने की जरूरत : जयशंकर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के लिए विश्व की दिशा तय करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।
नयी दिल्ली, 18 फरवरी विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के लिए विश्व की दिशा तय करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।
‘रायसीना सिडनी बिजनेस ब्रेकफास्ट’ में दिए अपने अहम संबोधन में विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया की मौजूदा परिस्थिति भारत और ऑस्ट्रेलिया को एक दूसरे के लिए और काम करने को मजबूर करती है।
इस समय ऑस्ट्रेलिया में मौजूद जयशंकर ने कहा, ‘‘ सबसे बड़े लक्ष्यों में एक लक्ष्य यह है कि वास्तव में कैसे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर से खतरे को कम करे, जिनमें एक (लक्ष्य) भरोसेमंद और लचीला आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण शामिल है। यह वास्तव में भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान द्वारा शुरू की गई पहलों में एक है जिन्हें चिह्नित किया गया था।’’
उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के ‘रास्ते पर है’ और भारत ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ईसीटीए) दोनों देशों के रिश्तों में उत्प्रेरक साबित होगा।
गौरतलब है कि दोनों देशों ने दो अप्रैल 2022 को भारत-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए पर हस्ताक्षर किए थे और पिछले साल 29 दिसंबर को यह प्रभावी हुआ।
आर्थिक थिंक टैंक जीटीआरआई के मुताबिक यह समझौता माल एवं सेवा का द्विपक्षीय व्यापार मजबूत करेगा और अगले पांच साल में दोनों देशों का कारोबार 70 अरब डॉलर तक पहुचांने में मददगार साबित होगा।
जयशंकर ने कहा, ‘‘ दुनिया की स्थिति ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के लिए एक दूसरे के साथ मिलकर कार्य करने पर मजबूर किया है...मेरा मानना है कि जिस दिशा में दुनिया जा रही है और जिस तरह के बदलाव हो रहे हैं, यह भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के लिए जरूरी है कि वे जिस दिशा में दुनिया जा रही है उसे आकार देने के लिए मिलकर काम करें।’’
उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य इस साल सात प्रतिशत विकासदर हासिल करने की है।
जयशंकर ने कहा, ‘‘लेकिन हम इसमें अगले पांच साल में सुधार की उम्मीद करते हैं। निश्चित तौर पर हम मानते हैं कि कम से कम एक या डेढ़ दशक में सात से नौ प्रतिशत विकास दर हासिल करेंगे।’’
जयशंकर ने कहा कि भारत की आशावान आर्थिक स्थिति और निवेश में सकारात्मक माहौल की वजह मुश्किल समय में लिया गया फैसला है।
उन्होंने कहा, ‘‘ आर्थिक विश्वास हमारी तैयार करने, समन्वय और विनिर्माण की क्षमता में देखा जा सकता है।’’
मंत्री ने रेखांकित किया कि भारतीय प्रतिभा का उल्लेखनीय आगमन ऑस्ट्रेलिया में हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘ कैसे हम कौशल और विकास की क्षमता का विस्तार कर सकते हैं? हम इसके लिए ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों का भारत में स्वागत करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए यह केवल भारतीय छात्रों का ऑस्ट्रेलिया आना भर नहीं है। यह भारत और ऑस्ट्रेलिया द्वारा अधिक कौशल, अधिक प्रतिस्पर्धी प्रतिभा भारत में तैयार के लिए मिलकर काम करने को लेकर है।’’
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