UP में दुष्कर्म, पॉक्सो समेत विभिन्न अपराधों में साढ़े तीन माह में 2756 अभियुक्तों को सजा

उत्तर प्रदेश सरकार ने करीब साढ़े तीन माह में महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध लैंगिक दुर्व्यवहार, दुष्कर्म एवं अन्य गंभीर अपराधों में 2756 अभियुक्तों को सजा दिलाने का शुक्रवार को दावा किया.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

लखनऊ, 22 जुलाई : उत्तर प्रदेश सरकार ने करीब साढ़े तीन माह में महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध लैंगिक दुर्व्यवहार, दुष्कर्म एवं अन्य गंभीर अपराधों में 2756 अभियुक्तों को सजा दिलाने का शुक्रवार को दावा किया. राज्य के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने शुक्रवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सघन एवं प्रभावी पैरवी के माध्यम से अभियुक्तों को कठोरतम सजा दिलाये जाने की दिशा में अभियोजन विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये गये हैं.

अवस्थी ने यहां जारी एक सरकारी बयान में दावा किया, ''इस वर्ष 25 मार्च से 16 जुलाई तक बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (पोक्सो), महिलाओं के विरूद्ध लैंगिक अपराध, बलात्कार एवं अन्य गंभीर अपराधों के साथ-साथ विभिन्न अपराधों में प्रभावी पैरवी के माध्यम से 328 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 594 अभियुक्तों को 10 वर्ष से अधिक की सजा तथा 1834 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम की सजा दिलाने में सफलता मिली है.'' अवस्थी ने बताया कि माफियों के मामलों में प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप बिजनौर में अभियुक्त मुनीर को एक वाद में दस वर्ष के कठोर कारावास एवं एक लाख रुपये के अर्थदंड तथा दूसरे वाद में मृत्यु दण्ड एवं एक लाख रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है. यह भी पढ़ें : Karnataka: रामनगर जिले में हाथी का आतंक, डर के साए में लोग

उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2016 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पुलिस उपाधीक्षक तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की बिजनौर जिले के उनके पैतृक गांव सहसपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसमें मुनीर और उसके साथियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी. अपर पुलिस महानिदेशक (अभियोजन) आशुतोष पांडेय ने बताया कि पॉक्सो न्यायालयों में इस वर्ष 25 मार्च से 16 जुलाई तक प्रदेश में 892 अभियुक्तों को सजा करायी गयी, जिनमें से 145 को आजीवन कारावास, 291 को 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा तथा 456 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम की सजा करायी गयी है.

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