जरुरी जानकारी | कच्ची घानी तेल मिलों के सरसों का खरीद मूल्य बढ़ाने से सरसों तेल-तिलहन में सुधार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. कच्ची घानी की बड़े पेराई मिलों द्वारा सरसों तिलहन का दाम बढ़ाये जाने के बीच विदेशों में खाद्य तेलों का बाजार मजबूत रहने के कारण सरसों तेल-तिलहन के दाम मजबूत बंद हुए। लेकिन मजबूती के बावजूद सरसों का भाव अब भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आसपास ही बोला जा रहा है। इसके अलावा शिकॉगो एक्सचेंज के मजबूत रहने से सोयाबीन तेल के दाम में मजबूती दिखी लेकिन डी-आयल्ड केक (डीओसी) की मांग कमजोर होने से सोयाबीन तिलहन के अलावा कम मांग की वजह से मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

नयी दिल्ली, 18 जून कच्ची घानी की बड़े पेराई मिलों द्वारा सरसों तिलहन का दाम बढ़ाये जाने के बीच विदेशों में खाद्य तेलों का बाजार मजबूत रहने के कारण सरसों तेल-तिलहन के दाम मजबूत बंद हुए। लेकिन मजबूती के बावजूद सरसों का भाव अब भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आसपास ही बोला जा रहा है। इसके अलावा शिकॉगो एक्सचेंज के मजबूत रहने से सोयाबीन तेल के दाम में मजबूती दिखी लेकिन डी-आयल्ड केक (डीओसी) की मांग कमजोर होने से सोयाबीन तिलहन के अलावा कम मांग की वजह से मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

मलेशिया और शिकॉगो एक्सचेंज में मजबूती है और कल रात भी शिकॉगो एक्सचेंज मजबूत बंद हुआ था।

सूत्रों ने कहा कि कच्ची घानी की बड़ी तेल मिलों ने सरसों की कमी से छुटकारा पाने के लिए सरसों तिलहन के दाम में 50 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है लेकिन इस वृद्धि के बावजूद कुछ जगह पर कीमत एमएसपी से कम है तो कुछ जगह उसके आसपास मंडरा रहा है।

उन्होंने कहा कि आयातित खाद्य तेलों के सस्ते थोक दाम से पूरे बाजार का कारोबारी माहौल प्रभावित हुआ है और अधिक लागत वाले देशी तेल-तिलहनों की मांग कमजोर हुई है। पेराई मिलों को देशी तेल-तिलहनों की पेराई में नुकसान उठाना पड़ रहा है। मंहगे देशी तेल- तिलहन, आयातित तेलों के थोक दाम कमजोर रहने की वजह से मंडियों में खप नहीं रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि तेल-तिलहन बाजार की मौजूदा स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार की ओर से जल्द किसी पहल का इंतजार है।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 5,950-6,010 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,100-6,375 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,600 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,210-2,510 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 11,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,855-1,955 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,855-1,980 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,375 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,175 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,750 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,225 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,850 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 8,900 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 4,680-4,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,490-4,610 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,075 रुपये प्रति क्विंटल।

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