Maharashtra Politics: एकनाथ शिंदे का उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष, कहा- सत्ता में रहने के दौरान कितनी बार मुख्यमंत्री कार्यालय गए

शिवसेना के एकनाथ शिंदे धड़े ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए सवाल किया कि जब वह सत्ता में थे तो वह कितनी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के कार्यालय गए और क्या उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को समय दिया

एकनाथ शिंदे व उद्धव ठाकरे (Photo: Twitter)

Maharashtra Politics: शिवसेना के एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) धड़े ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर कटाक्ष करते हुए सवाल किया कि जब वह सत्ता में थे तो वह कितनी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के कार्यालय गए और क्या उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को समय दिया. एकनाथ शिंदे खेमे के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने पिछले महीने ठाकरे नीत सरकार के गिरने के बाद शिवसेना अध्यक्ष द्वारा शुरू किए गए पार्टी के जनसंपर्क कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि ठाकरे परिवार की ‘‘सार्वजनिक उपस्थिति’’ अब बढ़ गई है. यह भी पढ़े: शिवसेना ने बागी विधायकों के निलंबन की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा

एक दिन पहले, ठाकरे ने दक्षिण मुंबई में एक वार्ड-स्तरीय शिवसेना कार्यालय का उद्घाटन किया और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. केसरकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने तीन सवाल उठाए हैं और हमें अभी तक जवाब नहीं मिला है. मुख्यमंत्री (नवंबर 2019-जून 2022) के रूप में उद्धव ठाकरे कितनी बार मंत्रालय में (मुख्यमंत्री कार्यालय) गए और शिवसेना कार्यकर्ताओं से मिले? अब, उनकी सार्वजनिक उपस्थिति बढ़ गई है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कोविड-19 महामारी के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय में उद्धव ठाकरे की ‘अनुपस्थिति’ की आलोचना की थी। शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे और 39 विधायकों की बगावत के कारण पिछले महीने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई। शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री के रूप में तथा भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

केसरकर ने शिवसेना के बागी सांसद राहुल शेवाले द्वारा किए गए दावों पर भी ठाकरे से जवाब मांगा. शेवाले ने कहा था 2021 में यह तय किया गया था कि शिवसेना पूर्व सहयोगी भाजपा के साथ हाथ मिलाएगी, जबकि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ गठबंधन में राज्य की सत्ता में बनी रही. उन्होंने पूछा, ‘‘हमने ठाकरे से शिवसेना के बागी सांसद राहुल शेवाले द्वारा किए गए दावों के विवरण के बारे में भी पूछा है कि क्या भाजपा के साथ हाथ मिलाने पर 2021 में ही तय हो चुका था.

अगर यह सच है तो 12 विधायकों को क्यों निलंबित किया गया और समझौता रद्द कर दिया गया.

पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान भाजपा के 12 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने के लिए एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था। बाद में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि इन विधायकों का एक साल के लिए निलंबन प्रथम दृष्टया असंवैधानिक है

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