देश की खबरें | उच्च न्यायालय ने चंडीगढ़ प्रशासन से महापौर चुनाव के लिए नयी तारीख तय करने पर विचार करने को कहा

चंडीगढ़, 20 जनवरी पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने महापौर चुनाव छह फरवरी तक स्थगित करने के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शनिवार को चंडीगढ़ प्रशासन से महापौर चुनाव के लिए नयी तारीख तय करने पर विचार करने को कहा।

न्यायमूर्ति सुधीर सिंह और न्यायमूर्ति हर्ष बंगर की खंडपीठ ने केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन, चंडीगढ़ नगर निगम और पुलिस को 23 जनवरी को जवाब देने के लिए नोटिस भी जारी किया।

अदालत आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने केंद्र शासित प्रशासन के महापौर चुनाव को छह फरवरी तक स्थगित करने के आदेश को चुनौती दी थी।

याचिकाकर्ता के वकीलों में शामिल अधिवक्ता फेरी सोफत ने बताया कि सुनवाई के दौरान अदालत ने चंडीगढ़ प्रशासन से चुनाव के पुनर्निर्धारण पर विचार करने को कहा।

सोफत ने बताया कि अदालत ने मौखिक रूप से चंडीगढ़ प्रशासन को 23 जनवरी से 26 जनवरी के बीच महापौर चुनाव कराने के लिए अगली तारीख बताने को कहा।

वकील ने बताया कि जब चंडीगढ़ प्रशासन के वकील ने चुनाव टालने के लिए कानून और व्यवस्था के मुद्दे का उल्लेख किया, तो अदालत ने सुझाव दिया कि यदि चंडीगढ़ पुलिस महापौर चुनाव के लिए कानून और व्यवस्था नहीं संभाल सकती तो एक केंद्रीय एजेंसी को इसमें शामिल किया जा सकता है।

सुनवाई के दौरान प्रशासन के वकील ने अदालत को 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के मद्देनजर शहर में होने वाले कार्यक्रमों से अवगत कराया। यह भी बताया गया कि इसके बाद पुलिस गणतंत्र दिवस समारोह की व्यवस्था में व्यस्त रहेगी।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि चंडीगढ़ के उपायुक्त के पास चुनाव टालने का कोई अधिकार नहीं है।

नगर निगम का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता चेतन मित्तल ने दलील दी कि उपायुक्त के पास चुनाव स्थगित करने की शक्ति है।

महापौर पद के उम्मीदवार एवं याचिकाकर्ता कुमार ने अदालत से अनुरोध किया है कि उपायुक्त के 18 जनवरी के आदेश को रद्द किया जाए और तुरंत चुनाव कराया जाए।

आम आदमी पार्टी ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव अचानक स्थगित किए जाने और पार्षदों को यह बताए जाने पर कि पीठासीन अधिकारी बीमार पड़ गए हैं, बृहस्पतिवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख किया था।

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