देश की खबरें | उच्च न्यायालय ने दिव्यांग जनों की सहायता के लिए प्रशिक्षित पशुओं के उपयोग के तरीके सुझाने को कहा
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नयी दिल्ली, नौ दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग को दिव्यांग जनों की सहायता के लिए प्रशिक्षित जानवरों के उपयोग पर ‘‘व्यवहार्य’’ दिशानिर्देश सुझाने वाली एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिव्यांग जनों सहित नागरिकों पर आवारा कुत्तों, और बंदरों द्वारा हमला करने के मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। पीठ में न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला भी शामिल थे।
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा कि अधिकारी इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करेंगे और दिव्यांग जनों के लाभ के लिए उनकी सहायता कर सकने वाले प्रशिक्षित जानवरों के उपयोग के वास्ते दिशानिर्देश तैयार करने का प्रयास करेंगे।
पीठ ने कहा, ‘‘उक्त विषय पर व्यवहार्य दिशानिर्देशों का उल्लेख करते हुए उपयुक्त स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जाए।’’
आवारा पशुओं के हमलों से दिव्यांग जनों को बचाने के मुद्दे पर, अदालत ने दिल्ली सरकार से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा।
गत 18 नवंबर को, उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव को राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों और बंदरों के खतरे से निपटने के लिए विभिन्न विभागों के प्रमुखों द्वारा सुझाए गए उपायों को लागू करने का निर्देश दिया।
एक याचिका में कहा गया है कि दृष्टिबाधित लोगों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सफेद छड़ी को जानवर खतरे के रूप में देखते हैं और इसलिए उन पर हमला करते हैं।
मामले की अगली सुनवाई फरवरी 2025 में होगी।
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