भारत में आरोग्य और आध्यात्म एक दूसरे से जुड़े हुए हैं: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत में आरोग्य और आध्यात्म एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और देश में कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान आध्यात्मिक-निजी भागीदारी का सफल उदाहरण है.

पीएम मोदी (Photo credit : Twitter)

फरीदाबाद, 24 अगस्त : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत में आरोग्य और आध्यात्म एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और देश में कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान आध्यात्मिक-निजी भागीदारी का सफल उदाहरण है. यहां 6,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 133 एकड़ क्षेत्र में बने 2,600 बिस्तरों वाले अमृता अस्पताल का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जहां इलाज एक सेवा है और आरोग्य एक दान है. जहां आरोग्य और आध्यात्म, दोनों एक दूसरे से जुड़े हुये हैं.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में देश ने समाज के हर वर्ग, हर संस्था और हर क्षेत्र के प्रयास का नतीजा देखा और इसमें भी आध्यात्मिक-निजी भागीदारी अहम रही.

उन्होंने कहा कि जब भारत ने टीके बनाए तो कुछ लोगों ने दुष्प्रचार की कोशिश की थी और इसकी वजह से समाज में कई तरह की अफवाहें फैलने लगी लेकिन जब समाज के धर्मगुरु और आध्यात्मिक गुरु एक साथ आए तो उसका तुरंत असर भी हुआ. उन्होंने कहा, ‘‘टीकों को लेकर भारत में लोगों के बीच उस प्रकार असमंजस नहीं देखा गया जैसा अन्य देशों में देखने को मिला. यही भावना है, जिसकी वजह से भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम सफलतापूर्वक चला पाया है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के धार्मिक और सामाजिक संस्थानों द्वारा शिक्षा-चिकित्सा से जुड़ी जिम्मेदारियों के निर्वहन की व्यवस्था एक तरह से पुराने समय का सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी (पीपीपी)मॉडल है लेकिन वह इसे ‘‘परस्पर प्रयास’’ के तौर पर भी देखते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘राज्य अपने स्तर से व्यवस्थाएं खड़ी करते थे, बड़े बड़े विश्वविद्यालयों के निर्माण में भूमिका निभाते थे. लेकिन साथ ही धार्मिक संस्थान भी इसका एक महत्वपूर्ण केंद्र होते थे. आज देश भी ये कोशिश कर रहा है कि सरकारें पूरी निष्ठा और ईमानदारी से मिशन मोड में देश के स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र का कायाकल्प करें.’’ यह भी पढ़ें : Bihar: हम क्रिकेटर हैं, जिसने कभी न खत्म होने वाली साझेदारी की है, इस बार कोई रन आउट नहीं होगा: गठबंधन पर बोले तेजस्वी यादव

मोदी ने कहा कि इसके लिए सामाजिक संस्थाओं को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करके प्रभावी पीपीपी मॉडल तैयार हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘अमृता अस्पताल का ये प्रकल्प देश के दूसरे सभी संस्थाओं के लिए एक आदर्श बनेगा. हमारे कई दूसरे धार्मिक संस्थान इस तरह की संस्थाएं चला भी रहे हैं. हमारे निजी क्षेत्र, पीपीपी मॉडल के साथ साथ आध्यात्मिक-निजी भागीदारी को भी आगे बढ़ा सकते हैं. ऐसी संस्थाओं को संसाधन उपलब्ध करवाकर उनकी मदद कर सकते हैं.’’ कार्यक्रम के दौरान मंच पर मौजूद ‘‘अम्मा’’ के नाम से प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु माता अमृतानंदमयी देवी को मोदी ने झुककर प्रणाम किया तो उन्होंने उनपर गुलाब के फूल बरसाए. प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही देश ने एक नयी ऊर्जा के साथ आजादी के ‘‘अमृत काल’’ में प्रवेश किया है और इसमें देश के सामूहिक प्रयास प्रतिष्ठित हो रहे हैं तथा देश के सामूहिक विचार जागृत हो रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है अमृत काल की इस प्रथम बेला में मां अमृतानंदमयी के आशीर्वाद का अमृत भी देश को मिल रहा है.’’ उन्होंने कहा कि अमृता अस्पताल के रूप में फरीदाबाद में आरोग्य का इतना बड़ा संस्थान स्थापित हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह अस्पताल इमारत व प्रौद्योगिकी के हिसाब से जितना आधुनिक है, सेवा, संवेदना और आध्यात्मिक चेतना के हिसाब से भी उतना ही अलौकिक है. उन्होंने कहा, ‘‘आधुनिकता और आध्यात्मिकता का समागम गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की सेवा का, उनके लिए सुलभ प्रभावी इलाज का मध्यम बनेगा.’’ उद्घाटन समारोह में हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, केंद्रीय मंत्री व फरीदाबाद के सांसद कृष्ण पाल गुर्जर, माता अमृतानंदमयी देवी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. खट्टर ने इस अवसर पर कहा कि यह केवल एक अस्पताल का उद्घाटन नहीं है बल्कि गरीबों की सेवा के लिए किए जाने वाला यज्ञ है.

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने अस्पताल के प्रांगण में दीप प्रज्जवलित भी किया. अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस अस्पताल का प्रबंधन माता अमृतानन्दमयी मठ द्वारा किया जायेगा. दिल्ली-मथुरा रोड पर फरीदाबाद के सेक्टर 88 स्थित इस अस्पताल में शुरुआत में 500 बेड की व्यवस्था रहेगी और अगले पांच वर्षों में इसे चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक पूरी तरह तैयार होने के बाद यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और देश के सबसे बड़े निजी अस्पतालों में शुमार हो जाएगा. इसमें शोध के लिए समर्पित एक सात मंजिला ब्लॉक भी होगा. अस्पताल की मुख्य इमारत 14 मंजिलों की होगी और इसके शीर्ष पर एक हेलीपैड भी होगा.

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