देश की खबरें | गुजरात : टैंकर से लीक हुए रासायनिक धुएं की वजह से छह श्रमिकों की मौत की घटना के बाद चार गिरफ्तार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. सूरत के एक औद्योगिक क्षेत्र में एक टैंकर से रिसे जहरीले धुएं के कारण छह श्रमिकों की मौत की घटना के बाद पुलिस ने रासायनिक कचरे के अवैध रूप से निपटारे समेत गैर इरादतन हत्या और विभिन्न आरोपों के तहत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

सूरत (गुजरात), आठ जनवरी सूरत के एक औद्योगिक क्षेत्र में एक टैंकर से रिसे जहरीले धुएं के कारण छह श्रमिकों की मौत की घटना के बाद पुलिस ने रासायनिक कचरे के अवैध रूप से निपटारे समेत गैर इरादतन हत्या और विभिन्न आरोपों के तहत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

सूरत जिले में छह जनवरी को एक कारखाना के पास रखे रासायनिक टैंकर से रिसे जहरीले धुएं के कारण छह श्रमिकों की मौत हो गई और 22 अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घटना सचिन औद्योगिक क्षेत्र में हुई थी और घटना के वक्त मजदूर वहां स्थित रंगाई के कारखाने में थे।

अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए चार लोगों में दो ट्रांसपोर्टर, एक बैंक कर्मचारी और एक गैराज मालिक शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सूरत अपराध शाखा ने वडोदरा और भरूच की पुलिस की मदद से आरोपियों को गिरफ्तार किया।

अधिकारी ने बताया कि ट्रांसपोर्टर और एक कंपनी में सहयोगी आशीष गुप्ता ने औद्योगिक रासायनिक कचरे को निपटारे के लिए दो अन्य व्यक्तियों जयप्रताप तोमर और यादव नामक अन्य व्यक्ति को आपूर्ति की थी।

अधिकारी ने बताया कि एक अन्य व्यक्ति की पहचान प्रेमसागर गुप्ता के रूप में हुई है, जो सचिन जीआईडीसी क्षेत्र में रखे टैंकर में तोमर और यादव के साथ था। अधिकारी ने बताया कि तोमर एक वित्तीय बैंक के ऋण विभाग में काम करता है, जबकि यादव गैराज चलाता है।

सचिन जीआईडीसी पुलिस थाना में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या के लिए दंड), लापरवाही से किए गए कृत्य के कारण मानव जीवन को खतरे में डालना (336, 337, और 338), दूषित, जहरीली चीजों का इस्तेमाल (284), जानबूझ कर किसी सार्वजनिक जलाशय को दूषित करना (277), वातावरण को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बनाना (278), आपराधिक साजिश (120) (बी) और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

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