देश की खबरें | महाराष्ट्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा गुड़ी पडवा का त्योहार

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मुंबई, 22 मार्च महाराष्ट्र में बुधवार को गुडी पडवा का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस मौके पर लोगों ने अपने घरों पर गुडी (ध्वज) फहराया और मराठी नव वर्ष का स्वागत करते हुए जुलूस निकाले।

गुडी पडवा के मौके पर लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, उन्हें रंग-बिरंगी रंगोली से सजाते हैं और गुडी फहराते हैं। इसके लिए बांस की छड़ी को रंगीन कपड़ों से सजाया जाता है और उसके ऊपर आम और नीम के पत्तों और फूलों की माला के साथ एक कलश बांधा जाता है।

'गुडी' या 'गुढ़ी' शब्द का अर्थ एक ध्वज होता है और 'पडवा' का अर्थ प्रतिपदा अमावस्या का पहला दिन होता है। घरों में गुडी (ध्वज) फहराना शुभ माना जाता है।

वहीं, किसान नई फसल के मौसम की शुरुआत के रूप में यह त्योहार मनाते हैं।

गुडी पडवा पर्व को लेकर मुंबई और अन्य जगहों पर लोगों में उत्साह नजर आ रहा है। जगह-जगह पारंपरिक पोशाक में पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के साथ रंगारंग शोभायात्रा निकाली जा रही हैं। संगीत, परंपरागत ढोल वादन और लेजिम नृत्य इन शोभायात्राओं का आकर्षण का केंद्र हैं।

इस मौके पर महिलाओं ने पारंपरिक 'नववारी' या नौ गज की साड़ी पहनकर बाइक की सवारी की। जबकि गिरदाम, दादर, विले पार्ले और राज्य के अन्य क्षेत्रों में निकली शोभयात्राओं में घोड़े भी शामिल थे।

वहीं, मुंबई के ठाणे, डोंबिवली अन्य मुख्य शहरों में सुबह निकाली गई शोभायात्रा में महिलाओं ने पारंपरिक लेजिम नृत्य किया और ढोल बजाया।

गुडी पडवा समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाणे शहर के कोपीनेश्वर मंदिर से निकली भगवान की पालकी को अपने कंधों पर उठाया और अन्य लोगों के साथ कुछ दूरी तय की।

कोपिनेश्वर मंदिर से निकली पालकी शोभायात्रा में विभिन्न संघों और संगठनों की 75 झांकियों ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री ने चिंतामणि चौक पर जिम्नास्टिक में भाग लेने वाले प्रतिभागियों और कलाकारों पर पुष्पवर्षा भी की।

इस मौके पर पद्मभूषण से सम्मानित प्रसिद्ध वायलिन वादक एन राजम भी उपस्थित थे।

बाद में शिंदे ने ठाणे जिले के डोंबिवली शहर में गुडी पडवा शोभायात्रा में भाग लिया।

शिंदे ने कहा, "त्योहारों के मौके पर (महामारी को लेकर लागू) सभी पाबंदियों को हटा दिया गया है। यह देखकर अच्छा लगा कि सभी वर्गों के लोग गुडी पडवा मना रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने त्योहारों को मनाने के लिए ऐहतियातन लगाई गई सभी पाबंदियों को हटा लिया है और अब हम दही हांडी, गणेश चतुर्थी, दिवाली, दशहरा और अन्य त्योहार मना सकते हैं। यह देखकर अच्छा लगता है कि संस्कृति को सही मायने में संरक्षित किया जा रहा है।"

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पिछले साल गुडी पडवा के दिन कोविड महामारी को लेकर सभी प्रतिबंध हटा दिए थे। हालांकि, सरकार द्वारा लोगों को मास्क पहनने और सुरक्षित दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई थी।

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