देश की खबरें | कोल्हापुर में जीएसएम आधारित प्रणाली ने 3.5 लाख लोगों को बाढ़ से बचाया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण बाढ़ और जल-जमाव के दौरान 3.5 लाख लोगों ने जीएसएम तकनीक के माध्यम से संचालित एक सार्वजनिक प्रतिक्रिया प्रणाली के जरिये खुद को बचाया। जिले के प्रभारी मंत्री सतेज पाटिल ने यह जानकारी दी।
मुंबई, 25 जुलाई महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण बाढ़ और जल-जमाव के दौरान 3.5 लाख लोगों ने जीएसएम तकनीक के माध्यम से संचालित एक सार्वजनिक प्रतिक्रिया प्रणाली के जरिये खुद को बचाया। जिले के प्रभारी मंत्री सतेज पाटिल ने यह जानकारी दी।
पाटिल ने एक बयान में कहा कि कोल्हापुर में अब तक 75,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
साल 2019 में आई विनाशकारी बाढ़ से सबक लेते हुए, कोल्हापुर प्रशासन ने हाल में शिरोल और करवीर तहसीलों में 57 स्थानों पर जीएसएम (वैश्विक मोबाइल संचार प्रणाली) आधारित सार्वजनिक प्रतिक्रिया प्रणाली स्थापित की है।
इस प्रणाली को जिला योजना समिति की वार्षिक योजना के तहत वित्त पोषित किया गया है। पाटिल इस समिति के अध्यक्ष हैं।
भारी बारिश के कारण आई बाढ़ के दौरान सक्रिय इस प्रणाली ने लोगों को अपने घरों से बाहर न निकलने और आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर जाने जैसी आवश्यक सावधानी बरतने का निर्देश दिया।
करवीर तहसील के 21 गांवों और शिरोल तहसील के 36 गांवों में यह सिस्टम लगाया गया है। इन गांवों में हर साल मानसून के दौरान बाढ़ का खतरा बना रहता है।
महाराष्ट्र के गृह और आईटी राज्य मंत्री पाटिल ने कहा, ''इस प्रणाली ने 3.5 लाख लोगों को लाभान्वित किया है क्योंकि उन्हें बाढ़ के संभावित जोखिम के बारे में समय पर सूचना मिल गई थी। इसके तहत ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के बारे में पहले ही सूचना मिल चुकी थी। इससे प्रशासन को ग्रामीणों को सुगमतापूर्वक दूसरे स्थानों पर भेजने में मदद मिली। इसी तरह, उन्हें भारी वर्षा और जल-जमाव के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी बताया गया।''
उन्होंने कहा कि यह प्रणाली जिला आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष या जिला कलेक्ट्रेट के अन्य कार्यालयों से संचालित होती है।
पाटिल ने इसके लाभों के बारे में कहा कि संचालन की लागत कम होने के अलावा यह सिस्टम सौर ऊर्जा पर चलता है और इसके लिए बिजली की आवश्यकता नहीं होती, जो कि एक अतिरिक्त लाभ है क्योंकि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बिजली की कमी एक सामान्य घटना है।
पाटिल ने कहा कि कोल्हापुर जिले में बारिश से संबंधित घटनाओं में अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 75 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की छह टीमों और सेना की एक टुकड़ी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान चलाया है।
इस बीच, बारिश की तीव्रता कम होने के कारण कोल्हापुर शहर के पास राजाराम में पंचगंगा नदी का जलस्तर शनिवार रात नौ बजे और गिरकर 53.10 फुट हो गया।
हालांकि, मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग पर वाहनों का आवागमन जिले के शिरोली गांव के पास बंद है, जो अभी भी जलमग्न है।
पाटिल ने निकासी के बारे में बात करते हुए संवाददाताओं से कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के 67,111 लोगों ने अपने रिश्तेदारों के घर जाना चुना, जबकि 8,000 से अधिक लोगों को सरकारी आश्रयों में स्थानांतरित कर दिया गया।
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