ताजा खबरें | सरकार का लक्ष्य आपदा के दौरान कोई हताहत नहीं हो : नित्यानंद राय

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण हाल के वर्षों में आपदाओं की प्रकृति में काफी बदलाव आया है, लेकिन सरकार का लक्ष्य आपदाओं के कारण होने वाले जानमाल के नुकसान के आंकड़े को ‘शून्य’ करना है।

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण हाल के वर्षों में आपदाओं की प्रकृति में काफी बदलाव आया है, लेकिन सरकार का लक्ष्य आपदाओं के कारण होने वाले जानमाल के नुकसान के आंकड़े को ‘शून्य’ करना है।

राय ने आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2014 को सदन में चर्चा के लिए पेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प 2047 तक देश को ‘विकसित भारत’ बनाना है और इस संकल्प को पूरा करने के लिए सरकार ‘जीरो कैजुअल्टी एप्रोच’ (किसी को भी हताहत होने से बचाने के रुख) के साथ काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में मोदी सरकार में कुशल आपदा प्रबंधन के कारण जानमाल के नुकसान में भारी कमी आई है।

राय ने कहा कि हाल के वर्षों में आपदाओं की प्रकृति में काफी बदलाव आया है, जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी की लहरें, चक्रवात और बाढ़ जैसी अधिक लगातार और गंभीर घटनाएं हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि यह बदलता परिदृश्य आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण में बदलाव की मांग करता है और 2005 के अधिनियम में संशोधन इसी वजह से किया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आपदा प्राधिकरणों के कार्य में अधिक स्पष्टता लाने के लिए यह संशोधन जरूरी है।

आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य स्थानीय स्वशासन को सशक्त बनाकर आपदा प्रतिक्रिया को विकेंद्रीकृत करने और जमीनी स्तर पर तैयारियों के लिए पर्याप्त संसाधन आवंटित करने जैसे प्रमुख सुधारों के माध्यम से इच्छित लक्ष्यों को प्राप्त करना है।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि इस विधेयक में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति और उच्चस्तरीय समिति जैसे कुछ संस्थानों को वैधानिक दर्जा देने का उद्देश्य भी रखा गया है।

सरकार ने एक अगस्त को आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 लोकसभा में पेश किया था, जिसमें राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकारों की कार्य क्षमता बढ़ाने तथा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने वाले हितधारकों के बीच और अधिक स्पष्टता लाने का उद्देश्य है।

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