नई दिल्ली, 18 फरवरी सरकार ने शुक्रवार को कहा कि किसानों को फसल बीमा पॉलिसी देने के लिए वह घर-घर वितरण अभियान शुरू करेगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के आगामी खरीफ सत्र मे कार्यान्वयन के सातवें साल में प्रवेश के साथ योजना शुरू की जा रही है।
कृषि मंत्रालय ने कहा कि घर-घर चलाया जाने वाला अभियान 'मेरी पॉलिसी मेरे हाथ' का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी किसान पीएमएफबीवाई के तहत सरकार की नीतियों, भूमि रिकॉर्ड, दावे की प्रक्रिया और शिकायत निवारण के बारे में सभी जानकारी से अच्छी तरह से वाकिफ हों।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जून से शुरू होने वाले आगामी खरीफ सत्र में योजना लागू करने करने वाले सभी राज्यों में घर-घर जाकर अभियान शुरू किया जाएगा।
फरवरी 2016 में शुरू की गई पीएमएफबीवाई का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसल के नुकसान/क्षति से पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
मंत्रालय के अनुसार, पीएमएफबीवाई के तहत 36 करोड़ से अधिक किसानों के आवेदनों का बीमा किया गया है, इस साल 4 फरवरी तक इस योजना के तहत 1,07,059 करोड़ रुपये से अधिक दावों का भुगतान किया जा चुका है।
फसल बीमा योजना सबसे कमजोर किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में कामयाब रही है क्योंकि इस योजना में नामांकित लगभग 85 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत किसान हैं।
हालांकि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को वर्ष 2020 में किसानों की स्वैच्छिक भागीदारी के लिहाज से बदला गया था।
किसान को किसी भी घटना के 72 घंटे के भीतर फसल के नुकसान की सूचना फसल बीमा ऐप, सीएससी केंद्र या निकटतम कृषि अधिकारी के माध्यम से देने के लिए सुविधाजनक बनाया गया है। पात्र किसान के बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक रूप से दावे का भुगतान करने की व्यवस्था की गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2022-23 के बजट भाषण में फसल बीमा के लिए ड्रोन के उपयोग का प्रस्ताव किया है। इससे जमीन पर योजना के सुचारू कार्यान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी के एकीकरण को और मजबूत किया जाएगा।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)