जर्मनी: रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची अवैध ड्रग्स से होने वाली मौतों की संख्या

जर्मनी में कोकेन जैसे अवैध मादक पदार्थों से होने वाली मौतों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

जर्मनी में कोकेन जैसे अवैध मादक पदार्थों से होने वाली मौतों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है. प्रशासन के मुताबिक, अब लोग अलग-अलग तरह के अवैध मादक पदार्थों का एक साथ सेवन करने लगे हैं, जिससे हालात बेकाबू हो रहे हैं.हाल के बरसों में जर्मनी में अवैध नशीले पदार्थों के सेवन की वजह से होने वाली मौतें बहुत बढ़ गई हैं. 2023 में तो ऐसी मौतों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. बीते साल कुल 2,227 लोगों की मौत किसी-न-किसी नशीले पदार्थ के सेवन की वजह से हुई. इससे एक साल पहले 2022 में यही आंकड़ा 1,990 था. यह जानकारी जर्मनी के 'कमिश्नर फॉर अडिक्शन एंड ड्रग ईशूज' बुर्कहार्ड ब्लाइनर्ट ने राजधानी बर्लिन में दी.

यह जर्मनी में नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाली मौतों की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है. कमिश्नर ने बताया कि कोकेन और क्रैक कोकेन की वजह से होने वाली मौतों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. यह संख्या 507 से बढ़कर 610 हो गई है.

एक साथ कई ड्रग्स ले रहे लोग

अभी तक हेरोइन को सबसे खतरनाक और जानलेवा ड्रग माना जाता था, लेकिन इसकी वजह से होने वाली मौतों की संख्या 749 से कम होकर 712 रही. 'मिक्स्ड सब्सटेंस' यानी कई अलग-अलग मादक पदार्थों का सेवन एक साथ करने की वजह से होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ी है. ब्लाइनर्ट ने बताया कि ये आंकड़े चिंताजनक हैं, क्योंकि 10 साल पहले की तुलना में ये मामले अब दोगुने हो चुके हैं.

ब्लाइनर्ट ने कहा, "इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि अब लोग एक से ज्यादा मादक पदार्थों का एक साथ सेवन कर रहे हैं. ये मादक पदार्थ पहले की तुलना में ज्यादा नशीले भी हुए हैं. अब बाजार में जो भी नशे उपलब्ध हैं, लोग उन सबका सेवन कर रहे हैं. हमें जमीनी स्तर पर इसकी रोकथाम करने और इस दिशा में ठोस प्रगति करने की जरूरत है."

दूरगामी नतीजे भुगतते लोग

मादक पदार्थों से होने वाली मौतों को जब अलग-अलग श्रेणी में बांटा जाता है, तो एक और दिलचस्प बात सामने आती है. ऐसा नहीं है कि लोग सिर्फ नशीले पदार्थों के ओवरडोज से मर रहे हैं या लत का शिकार होने की वजह से मारे जाते हैं. एक बड़ी संख्या उन लोगों की भी है, जो लंबे समय से नशा करते आ रहे हैं और मादक पदार्थों ने उसके शरीर को दीर्घकालिक नुकसान पहुंचाया है.

ब्लाइनर्ट सुझाव देते हैं कि जर्मनी को ऐसे और केंद्र खोलने चाहिए, जहां नशे की लत से जूझ रहे लोग नियंत्रित परिवेश में कम जोखिम वाले तरीके से इसका सेवन कर सकें. अभी जर्मनी में ऐसे सिर्फ 31 केंद्र ही हैं, जहां नशे का अत्यधिक सेवन करने वाले लोगों को इस तरह की मदद मिलती है. मीडिया से बातचीत में ब्लाइनर्ट ने यह भी कहा कि नशीले पदार्थों से होने वाली मौतों की असल संख्या इस आधिकारिक संख्या से कहीं अधिक होगी.

जर्मनी में कोकेन और फेंटेनाइल का उभार

पिछले साल के ही आंकड़े बताते हैं कि जर्मनी में कोकेन और फेंटेनाइल का सेवन करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. कोकेन सेवन किए जाने के एक-दो मिनट में ही असर दिखाने लगती है, लेकिन इसका असर आधे घंटे बाद खत्म भी हो जाता है. ऐसे में लोगों को जल्दी-जल्दी और बार-बार इसका सेवन करने की तलब होती है. ऐसे में लोगों को रिकवरी का समय ही नहीं मिलता है.

अडिक्शन, यानी लत पर शोध करने वाले डानियल डीमेल बताते हैं कि फ्रैंकफर्ट, हैम्बुर्ग और हैनोवर जैसे शहरों में तो कोकेन सेवन की समस्या पहले से थी, लेकिन पश्चिमी जर्मनी में इसका उभार नया है. कोलंबिया में होने वाले कोकेन उत्पादन में भारी बढ़ोतरी हुई है और हाई-प्योरिटी वाली कोकेन की बड़ी-बड़ी खेप यूरोप पहुंच रही हैं. ज्यादातर कोकेन समुद्री रास्ते से आती है.

गांजा वैध बनाने से होगा फायदा?

जर्मनी की संसद ने बीते दिनों एक बिल पास किया, जिसने गांजे को जर्मनी में वैध बना दिया है. अब ऐसी व्यवस्था और ऐसे केंद्र बनाने पर काम चल रहा है, जहां से लोग वैध रूप से गांजा खरीद सकेंगे. इस फैसले के पक्ष में तर्क दिए गए कि गांजा उन मादक पदार्थों में से है, जिनसे लोग अवैध नशों की शुरुआत करते हैं. फिर लोग जिस व्यक्ति या जगह से गांजा खरीदते हैं, वहीं से उन्हें अन्य मादक पदार्थ भी उपलब्ध होते हैं. ऐसे में गांजा लीगल करने के पक्ष में कहा गया कि इससे लोगों को, खासकर किशोरों को अवैध मादक पदार्थों के नेटवर्क के संपर्क में आने से बचाया जा सकेगा.

हालांकि, बहुत सारे लोगों ने इस फैसले और इन तर्कों का विरोध भी किया. दूसरे पक्ष का कहना है कि जो नशीला पदार्थ अब तक अवैध होने की वजह से खरीदना मुश्किल था और जिसके साथ पकड़े जाने पर सजा हो सकती थी, अब ऐसा नहीं होगा. अब लोगों के लिए यह आसानी से उपलब्ध होगा, जो हालात बेहतर के बजाय खराब बनाएगा. अब गांजा वैध बनाए जाने से बाकी और घातक मादक पदार्थों के सेवन और उनके नेटवर्क पर क्या असर पड़ता है, यह कुछ महीनों बाद पता चलेगा.

वीएस/एसएम (डीपीए)

Share Now

संबंधित खबरें

IND W vs AUS W, Allan Border Field, Brisbane Pitch Stats: ब्रिस्बेन में खेला जाएगा ऑस्ट्रेलिया महिला बनाम भारतीय महिला पहला वनडे, यहां जानें एलेन बॉर्डर फील्ड की पिच रिपोर्ट, रिकॉर्ड्स, मोस्ट रन, विकेट समेत खास आंकड़े

SA W vs ENG W 1st ODI 2024 Scorecard: पहले वनडे में दक्षिण अफ्रीका महिला टीम ने इंग्लैंड को 6 विकेटों से हराया, नादिन डी क्लार्क ने खेली तूफानी पारी, यहां देखें मैच का स्कोरकार्ड

IND W vs AUS W 1st ODI 2024 Mini Battle: ऑस्ट्रेलिया महिला बनाम भारतीय महिला पहले वनडे मुकाबले में इन रोमांचक मिनी बैटल्स पर रहेगी सबकी निगाहें, ये खिलाड़ी एक-दूसरे को कर सकते हैं परेशान

Salman Khan की शूटिंग साइट पर घुसा अनजान शख्स, लॉरेंस बिश्नोई का नाम लेकर दी धमकी

\