विदेश की खबरें | जनरल प्रैक्टिस मुश्किल दौर में, वित्तपोषण प्रणाली में सुधार के वास्ते पांच बिन्दु
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. मेलबर्न, 23 अगस्त (द कन्वरसेशन) नए संघीय स्वास्थ्य मंत्री मार्क बटलर ने कहा कि प्राथमिक देखभाल (प्रायमरी केयर) ‘‘अब तक से सबसे खराब दौर’’ में है और उन्होंने इसमें सुधार को ही शीर्ष स्वास्थ्य प्राथमिकता बनाया है।
मेलबर्न, 23 अगस्त (द कन्वरसेशन) नए संघीय स्वास्थ्य मंत्री मार्क बटलर ने कहा कि प्राथमिक देखभाल (प्रायमरी केयर) ‘‘अब तक से सबसे खराब दौर’’ में है और उन्होंने इसमें सुधार को ही शीर्ष स्वास्थ्य प्राथमिकता बनाया है।
‘प्राथमिक देखभाल’ उसे कहते हैं जहां स्वास्थ्य तंत्र से सबसे पहले संपर्क किया जाता है मसलन जीपी क्लीनिक,दांत के चिकित्सक के पास जाना आदि।
एक नया कार्यबल मंत्री को सलाह देगा कि 75 करोड़ डॉलर का इस्तेमाल पहुंच में सुधार, पुरानी बीमारी प्रबंधन आदि में कैसे खर्च करें। कार्यबल को क्रिसमस तक एक योजना पेश करनी है, जो वर्तमान हालात को देखते हुए आसान काम नहीं है।
विदेशों में क्या कारगार साबित हुआ,उसे देखते हुए हमने पांच बिन्दु तलाशे हैं कि आस्ट्रेलिया को जनरल प्रैक्टिस के वित्तपोषण में कैसे सुधार करना है।
लेकिन इससे पहले जरा गौर करें कि गलती क्या हुई।
प्राथमिक देखभाल आज की समस्याओं के लिए नहीं बनाई गई थी। आस्ट्रेलिया के कम से कम आधे लोग किसी न किसी पुरानी बीमारी से जूझ रहे हैं जैसे हृदय संबंधी रोग,मधुमेह, अस्थमा,अवसाद आदि। 65 वर्ष से अधिक आयु के आधे से ज्यादा लोगों को इनमें से दो या ज्यादा बीमारियां हैं। हाल के दशकों में ये अनुपात तेजी से बढ़ा है।
मरीजों को इन स्थितियों से उबारने के लिए जीपी (जनरल प्रैक्टिशनर) को उनके साथ तालमेल बैठाने की जरूरत होती है इसके अलावा नियमित देखभाल, पहुंच बढ़ाने, सही सलाह देने आदि के लिए एक टीम की भी जरूरत होती है। यह जीपी को गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों के इलाज में ज्यादा वक्त देता है और इसके बेहतर परिणाम सामने आते हैं।
जिस प्रकार से जनरल प्रैक्टिशनर को आर्थिक मदद दी जाती है और जिस प्रकार से प्राथमिक देखभाल तंत्र का प्रबंधन किया जाता है, वह बेहद खराब है। जनरल प्रैक्टिशनर्स हमें बताते हैं कि उनका उचित सम्मान नहीं होता,वे दबाव में रहते है।
ऑस्ट्रेलिया उन अन्य देशों से यह सीख सकता है जिन्होंने प्राथमिक देखभाल वित्त पोषण में बदलाव किए हैं:
सही संतुलन के लिए भुगतान के तरीकों में बदलाव। ऑस्ट्रेलिया उन देशों की सूची में आता है जो अभी भी ज्यादातर सेवा के लिए शुल्क का उपयोग करता है। देखभाल प्लान और गुणवत्ता में सुधार के लिए काम करने के वास्ते भुगतान हैं लेकिन अभी भी बड़ा हिस्सा जीपी परामर्शकों के जिम्मे ही आता है। स्वास्थ्य और सामाजिक जरूरतों के लिए धन समायोजन, बहु कुशलता वाली टीम को धन देना, यह समझना कि बदलाव मुश्किल होता है और इसमें वक्त लगेगा आदि कुछ बिन्दु हैं जिन पर ऑस्ट्रेलिया को ध्यान देना होगा।
द कन्वरसेशन
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