G-20 Summit: जबरवान रेंज से लेकर डल झील तक, श्रीनगर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध

श्रीनगर में सोमवार से शुरू हो रही जी 20 की बैठक सुरक्षित तरीके से सम्पन्न कराने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की ड्रोन-रोधी टीम आसमान से नजर रखे हुए हैं, मरीन कमांडो डल झील में गश्त कर रहे हैं और सुरक्षाकर्मी जमीन पर निगरानी रखे हुए हैं. यह जानकारी अधिकारियों ने दी.

G20 (Photo Credit: Twitter)

श्रीनगर, 21 मई: श्रीनगर में सोमवार से शुरू हो रही जी 20 की बैठक सुरक्षित तरीके से सम्पन्न कराने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की ड्रोन-रोधी टीम आसमान से नजर रखे हुए हैं, मरीन कमांडो डल झील में गश्त कर रहे हैं और सुरक्षाकर्मी जमीन पर निगरानी रखे हुए हैं. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. यह भी पढ़ें: G-20 Summit: जी20 पर्यावरण कार्य समूह की बैठक मुंबई में, समुद्री अर्थव्यवस्था पर होगी चर्चा

आतंकवाद प्रभावित जम्मू कश्मीर में अधिकारियों ने शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में तीसरी जी20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक के लिए विस्तृत व्यवस्था की है. इसके लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों से कम से कम 60 प्रतिनिधि और 20 पत्रकार आने वाले हैं. अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त होने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किये जाने के बाद कश्मीर में यह पहली अंतरराष्ट्रीय बैठक हो रही है.

न्यूनतम पुलिसिंग और अधिकतम सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, जम्मू कश्मीर पुलिस ने ज़बरवान रेंज पर तैनाती के लिए सेना से सम्पर्क किया है. ज़बरवान बैठक स्थल और रेंज मेहमानों के लिए ठहरने की जगह के नजदीक स्थित है.

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तीस कंपनियों को घाटी में सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए वापस बुला लिया गया है, जिन्हें पहले देश के बाकी हिस्सों में चुनाव ड्यूटी के लिए जम्मू कश्मीर से बाहर ले जाया गया था.

अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की ड्रोन रोधी इकाई के दलों को यह सुनिश्चित करने के लिए सेवा में लगाया गया है कि कोई अवांछित हवाई घुसपैठ न हो. किसी भी आतंकवादी घटना और बंधक बनाने जैसी स्थिति से निपटने के लिए "ब्लैक कैट" कमांडो की एक टीम तैयार है.

सुरक्षा तैयारियों से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मार्कोस टीम जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की नदी शाखा के कर्मियों के साथ डल झील में गश्त करेगी, क्योंकि कन्वेंशन सेंटर झील के किनारे स्थित है.’’ नौसेना के समुद्री कमांडो, या मार्कोस 1990 के दशक के मध्य से नियंत्रण रेखा से किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए घाटी में वूलर झील पर तैनात हैं, क्योंकि आतंकवादी झील का उपयोग भीतरी इलाकों में प्रवेश करने के लिए कर रहे थे.

अधिकारियों ने कहा कि गुलमर्ग का प्रस्तावित दौरा समय की कमी को देखते हुए रद्द करना पड़ा. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि बुधवार को कश्मीर घाटी से रवाना होने से पहले पुनर्निर्मित पोलो व्यू मार्केट की सैर करने के अलावा परी महल, चश्माशाई और अन्य मुगल उद्यानों का दौरा करेंगे.

पर्यटन पर पहली कार्यकारी समूह की बैठक फरवरी में गुजरात के कच्छ के रण में और दूसरी अप्रैल में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में आयोजित की गई थी.

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