नयी दिल्ली, 30 सितंबर चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों अप्रैल-अगस्त 2024 में केंद्र का राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य का 27 प्रतिशत रहा। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों के अनुसार राजकोषीय घाटा (व्यय और राजस्व के बीच का अंतर) अगस्त के अंत तक 4,35,176 करोड़ रुपये था।
वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि में घाटा बजट अनुमान (बीई) का 36 प्रतिशत था।
सरकार ने आम बजट में चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 प्रतिशत तक लाने का अनुमान लगाया है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में घाटा जीडीपी का 5.6 प्रतिशत था।
सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को 16,13,312 करोड़ रुपये पर सीमित रखना है।
लेखा महानियंत्रक ने 2024-25 के पहले पांच महीनों के लिए केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय के आंकड़ों की जानकारी देते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में शुद्ध कर राजस्व 8.7 लाख करोड़ रुपये रहा। यह बजट अनुमान का 33.8 प्रतिशत है। दूसरी ओर जुलाई 2023 के अंत में शुद्ध कर राजस्व संग्रह 34.5 प्रतिशत था।
केंद्र सरकार का कुल व्यय अगस्त तक 16.5 लाख करोड़ रुपये रहा। यह बजट अनुमान का 34.3 प्रतिशत है। एक साल पहले इसी अवधि में व्यय बजटीय अनुमान का 37.1 प्रतिशत था।
कुल व्यय में 13,51,367 करोड़ रुपये राजस्व खाते में और 3,00,987 करोड़ रुपये पूंजी खाते में थे। कुल राजस्व व्यय में 4,00,160 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान के लिए थे।
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