नयी दिल्ली, 14 फरवरी कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र सरकार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर किसानों से झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी दावा किया कि सिर्फ कांग्रेस की ‘किसान न्याय गारंटी’ से ही किसानों की फसल के लिए स्वामीनाथ आयोग की अनुशंसा के मुताबिक एमएसपी सुनिश्चित हो सकती है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘बार-बार वादा करने के बावजूद मोदी सरकार एमएसपी को कानूनी गारंटी देने से क्यों भाग रही है? वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री और एक कार्य समूह के अध्यक्ष के रूप में नरेन्द्र मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें कहा गया था कि हमें किसान के हितों की रक्षा के लिए कानूनी प्रावधानों के माध्यम से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसान और व्यापारी के बीच कोई भी खरीद-बिक्री एमएसपी के नीचे न हो।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अपने कई भाषणों और चुनावी रैलियों में उन्होंने वादा किया था कि सभी फसलें एमएसपी पर खरीदी जाएंगी, जिसमें सभी तरह की लागत और 50 प्रतिशत मूल्य (एमएसपी का स्वामीनाथन फॉर्मूला) शामिल होगा। लेकिन आज तक न तो एमएसपी की कानूनी गारंटी है और न ही यह ‘सी2+50 प्रतिशत’ के स्वामीनाथन फॉर्मूला के आधार पर है।’’
रमेश ने कहा, ‘‘गेहूं की एमएसपी स्वामीनाथन आयोग के अनुसार 2,478 रुपये प्रति क्विंटल होनी चाहिए जो कि मात्र 2,275 रुपये प्रति क्विंटल है। इसी तरह धान की एमएसपी 2,866 रुपये प्रति क्विंटल की जगह मात्र 2,183 रुपये प्रति क्विंटल है।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘मोदी जी, आपने 2011 की अपनी ही रिपोर्ट के निष्कर्षों को लागू क्यों नहीं किया? आपने बार-बार एमएसपी का वादा करके किसानों से झूठ क्यों बोला?’’
रमेश ने दावा किया, ‘‘आज भारत के किसानों का मोदी सरकार से विश्वास उठ गया है। यह केवल कांग्रेस पार्टी की ‘किसान न्याय गारंटी’ ही है जो किसानों को स्वामीनाथन फॉर्मूले पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देगी।’’
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनाव प्रचार के दौरान नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों को एमएसपी देने का झूठा वादा किया और प्रधानमंत्री बन गए। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का झूठ तब सामने आया जब एमएसपी को लेकर उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा दाखिल हुआ। इसमें मोदी सरकार ने साफ कहा कि हम इस तरह की एमएसपी नहीं दे सकते, जिसमें लागत इतनी ज्यादा हो।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ अपना वादा तोड़ा, बल्कि किसानों के रास्ते पर कील बिछवाई और उन्हें उपद्रवी कहने से भी नहीं चूके।’’
खेड़ा के मुताबिक, ‘‘जब पिछली बार किसान ‘तीन काले कानून’ को लेकर धरना दे रहे थे, तब प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मैं तीनों कानून वापस लेता हूं, एमएसपी की समस्या का समाधान निकालने के लिए जल्द ही एक समिति गठित होगी। लेकिन आज दो साल से ऊपर हो गए, कोई समिति नहीं बनाई गई।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘आज जब किसान एमएसपी को लेकर फिर से धरना दे रहे हैं, तो उनपर रबर की गोलियां चलाई जा रही हैं, आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं, रास्ते में कीलें बिछाई जा रही हैं।’’
खेड़ा ने कहा, ‘‘किसानों से झूठ बोलने के लिए, उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल करने के बाद पलटने के लिए प्रधानमंत्री को देश से माफी मांगनी चाहिए।’’
हक
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