देश की खबरें | किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च नोएडा में रोका गया, प्रदर्शनकारियों ने सात दिन की समय सीमा दी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई अपनी जमीन के लिए उचित मुआवजे की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए किसानों ने सोमवार को दिल्ली की ओर कूच किया, लेकिन उन्हें नोएडा-दिल्ली सीमा पर रोक दिया गया, जहां वे धरने पर बैठ गए।
नयी दिल्ली/नोएडा, दो दिसंबर सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई अपनी जमीन के लिए उचित मुआवजे की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए किसानों ने सोमवार को दिल्ली की ओर कूच किया, लेकिन उन्हें नोएडा-दिल्ली सीमा पर रोक दिया गया, जहां वे धरने पर बैठ गए।
किसानों ने कहा कि अगर सात दिनों के भीतर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे फिर से दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
‘‘बोल किसान, हल्ला बोल’’ के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी किसान दादरी-नोएडा लिंक रोड पर महामाया फ्लाईओवर पर एकत्र हुए और पूर्वाह्न करीब 11:30 बजे अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया।
यातायात अवरूद्ध हो जाने के कारण दिल्ली-नोएडा सीमा से गुजरने वाले यात्रियों को असुविधा हुई, क्योंकि पुलिस ने मार्च को रोकने के लिए कुछ दूरी तक अवरोधक लगा दिये थे और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। यह मार्च ऐसे समय में निकाला गया, जब संसद का शीतकालीन सत्र जारी है।
नोएडा की चिल्ला सीमा पर कई घंटों तक किसानों का प्रदर्शन जारी रहा, क्योंकि विभिन्न किसान समूहों के बैनर और झंडे लहराते हुए प्रदर्शनकारियों ने शुरुआती अवरोधकों को पार कर लिया था।
आखिरकार उन्हें दिल्ली के प्रवेश स्थल चिल्ला सीमा से लगभग एक किलोमीटर दूर दलित प्रेरणा स्थल के पास रोक लिया गया, जहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाने-बुझाने की कोशिश की।
प्रदर्शनकारी किसानों ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के तहत भूमि अधिग्रहण बकाया राशि के भुगतान सहित अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया, जिसके बाद शाम छह बजे इस मार्ग पर यातायात बहाल हो गया।
बारह किसान संघों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बयान में कहा कि किसानों ने अधिकारियों से यह आश्वासन मिलने के बाद कि उप्र के मुख्य सचिव उनकी मांगों पर चर्चा करने और उनका समाधान करने के लिए बैठक करेंगे, फिलहाल दलित प्रेरणा स्थल पर ही रहने का फैसला किया है।
बयान में कहा गया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, आंदोलन जारी रहेगा।
बयान के अनुसार, ‘‘योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों को न्याय दिलाने में विफल रही है। भाजपा नीत उत्तर प्रदेश सरकार ने 2017 से भूमि सर्किल दर में संशोधन नहीं किया है और भूमि मालिकों को भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के तहत पर्याप्त, वैध मुआवजे और अन्य लाभों से वंचित रखा गया है।’’
एसकेएम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य शशिकांत ने ‘पीटीआई-’ को बताया कि यह विरोध प्रदर्शन एसकेएम की गौतमबुद्ध नगर इकाई के तत्वावधान में आयोजित किया गया।
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