देश की खबरें | फडणवीस का वीडियो मराठा आरक्षण आंदोलन से ध्यान भटकाने की चाल: शिवसेना (यूबीटी)
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. शिवसेना (यूबीटी) ने सोमवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के राज्य की कमान संभालने के लिए फिर से लौटने की घोषणा से संबंधित पुराने वीडियो का मकसद संभवत: मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा किए जा रहे अनिश्चितकालीन अनशन से ध्यान भटकाना है।
मुंबई, 30 अक्टूबर शिवसेना (यूबीटी) ने सोमवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के राज्य की कमान संभालने के लिए फिर से लौटने की घोषणा से संबंधित पुराने वीडियो का मकसद संभवत: मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा किए जा रहे अनिश्चितकालीन अनशन से ध्यान भटकाना है।
पार्टी के मुखपत्र सामना में प्रकाशित एक संपादकीय में कहा गया कि फडणवीस के पास यह सुनिश्चित करने का "समाधान" है कि विधायक के रूप में अयोग्यता की कार्यवाही का सामना कर रहे "अवैध" मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सत्ता में बने रहें, लेकिन उनके पास जरांगे का जीवन बचाने की कोई योजना नहीं है।
सामना में कहा गया, "ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र सरकार की प्राथमिकता राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखना है। ऐसा प्रतीत होता है कि इस सरकार को मराठा युवकों के जीवन की कोई चिंता नहीं है जो आरक्षण की मांग कर रहे हैं और भूख हड़ताल कर रहे हैं।"
मराठा समुदाय के सदस्य सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे हैं। जरांगे 25 अक्टूबर से अनशन पर हैं।
फडणवीस ने शनिवार को कहा था कि मुख्यमंत्री शिंदे अगर अयोग्य घोषित हो जाते हैं तब भी वह विधान पार्षद बनकर अपना पद बरकरार रखेंगे।
'सामना' में फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा गया कि ऐसा लगता है कि उनके पास समाधान कराने की ''दुकान'' है।
इसमें कहा गया, "उन्होंने मुख्यमंत्री शिंदे को विधायक के रूप में अयोग्य ठहराए जाने की स्थिति में महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए निर्वाचित कराने का समाधान भी तैयार किया है। फडणवीस के पास शिंदे को बचाने की योजना है, लेकिन उनके पास मराठा आरक्षण की मांग का कोई समाधान नहीं है।"
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस का 2019 का वह वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने घोषणा की थी कि वह राज्य की कमान संभालने के लिए वापस आएंगे, जिससे राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गईं।
संपादकीय में कहा गया, “यह वीडियो मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे द्वारा शुरू किए गए आंदोलन से ध्यान भटकाने की एक रणनीति प्रतीत होता है। वीडियो क्लिप के बारे में फडणवीस का स्पष्टीकरण हास्यास्पद है। मराठा आरक्षण का मुद्दा आग की तरह फैल रहा है और राज्य सरकार बेसुध पड़ी है।’’
इसमें कहा गया, "लोग राज्य में मंत्रियों के कॉलर पकड़ने की कोशिश कर उनसे सवाल कर रहे हैं। मंत्रियों को मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों का हंगामा देखने को मिल रहा है। आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान चार लोग अपनी जान दे चुके हैं, लेकिन सरकार कोई समाधान नहीं निकाल पा रही है।"
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र में कहा गया कि शिरडी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में शरद पवार के कार्यकाल की चर्चा की, लेकिन उन्होंने जरांगे के अनशन या आरक्षण आंदोलन पर एक शब्द भी नहीं बोला।
सामना ने फडणवीस के इस कथित दावे पर भी आपत्ति जताई कि उन्हें ब्राह्मण होने के कारण आसान निशाना बनाया जा रहा है।
संपादकीय में कहा गया, “महाराष्ट्र में लोगों ने कभी भी फडणवीस का उनकी जाति के कारण विरोध नहीं किया, और उन्हें इसके आधार पर कभी भी विरोध का सामना नहीं करना पड़ा। वह प्रधानमंत्री मोदी की वजह से (2014 में) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। लोग उनके (फडणवीस) खिलाफ खड़े हो गए क्योंकि वह एक साजिशकर्ता थे। फडणवीस ने अपने कार्यों से अपनी छवि और नेतृत्व को नष्ट कर दिया है।''
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)