Congress on Devendra Fadnavis: देवेंद्र फडणवीस हताश, बाबासाहेब के संविधान पर आपत्ति जता रहे; कांग्रेस
कांग्रेस ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के राहुल गांधी पर हमले के बाद बृहस्पतिवार को उन पर पलटवार किया और दावा किया कि वह हताश हैं और उस पुस्तक पर आपत्ति जता रहे हैं जिसके मुख्य शिल्पकार बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर हैं.
नयी दिल्ली, 7 नवंबर : कांग्रेस ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के राहुल गांधी पर हमले के बाद बृहस्पतिवार को उन पर पलटवार किया और दावा किया कि वह हताश हैं और उस पुस्तक पर आपत्ति जता रहे हैं जिसके मुख्य शिल्पकार बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर हैं. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि फडणवीस हताश हो रहे हैं. साथ ही कहा कि उन्हें (फडणवीस को) पहले सोचना चाहिए और फिर बोलना चाहिए. फडणवीस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने हाथ में ‘लाल किताब’ लेकर ‘‘शहरी नक्सलियों और अराजक तत्वों’’ से समर्थन लेने की कोशिश कर रहे हैं.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अपनी रैलियों के दौरान लाल रंग के 'कवर' वाले संविधान के संक्षिप्त संस्करण को प्रदर्शित करते रहे हैं. बुधवार को नागपुर की अपनी यात्रा के दौरान गांधी ने एक कार्यक्रम में संविधान की इस प्रति को प्रदर्शित किया और एक बार फिर जाति जनगणना की वकालत की. रमेश ने फडणवीस पर पलटवार करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘फडणवीस हताश हो रहे हैं. उन्होंने राहुल गांधी पर तथाकथित ‘‘शहरी नक्सलियों’’ से समर्थन लेने के लिए ‘‘लाल किताब’’ दिखाने का आरोप लगाया. फडणवीस जिस पुस्तक को लेकर आपत्ति जता रहे हैं वह भारत का संविधान है, जिसके मुख्य शिल्पकार डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर थे.’’ उन्होंने दावा किया कि यह भारत का वही संविधान है जिसे ‘मनुस्मृति’ से प्रेरित न बताकर आरएसएस ने नवंबर 1949 में हमला किया था तथा यह भारत का वही संविधान है जिसे प्रधानमंत्री मोदी बदलना चाहते हैं. यह भी पढ़ें : बंगाल उपचुनाव: सात उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज, सात करोड़पति
रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के हाथ में संविधान की लाल रंग की प्रति वाली तस्वीरें भी साझा कीं. उनका कहना है, ‘‘जहां तक ‘‘लाल किताब’’ का सवाल है तो फडणवीस को पता होना चाहिए कि इसमें भारत में कानून के क्षेत्र के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों में से एक के.के. वेणुगोपाल की प्रस्तावना है, जो 2017-2022 के दौरान भारत के अटॉर्नी जनरल थे. इससे पहले, प्रधानमंत्री और स्वयंभू चाणक्य को भी यह लाल किताब दी गयी है.’’ रमेश ने कहा, ‘‘जहां तक "शहरी नक्सली" का सवाल है तो केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 9 फरवरी 2022 और 11 मार्च 2020 को संसद को बताया है कि भारत सरकार इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करती है. फडणवीस को पहले सोचना चाहिए और फिर बोलना चाहिए.’’