देश की खबरें | आबकारी मामला: न्यायालय ने कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली की जमानत मंजूर की
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नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े एक धनशोधन मामले में हैदराबाद के व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली की जमानत अर्जी सोमवार को मंजूर कर ली।
न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने अंतरिम जमानत के अपने पहले के आदेश को नियमित जमानत में तब्दील कर दिया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत याचिका का विरोध नहीं किया। पीठ ने कहा, ‘‘हम याचिकाकर्ता को जमानत देने के पक्ष में हैं।’’
शीर्ष अदालत ने 13 अगस्त को बोइनपल्ली को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी थी।
न्यायालय ने 20 मार्च को कहा था कि याचिकाकर्ता 18 महीने से हिरासत में है। इसके साथ ही इसने उन्हें पांच सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया था।
तब से, बोइनपल्ली की अंतरिम जमानत को समय-समय पर शीर्ष अदालत द्वारा बढ़ाया जाता रहा है।
शीर्ष अदालत ने अंतरिम जमानत देते हुए बोइनपल्ली को अपना पासपोर्ट जमा कराने को कहा था और हैदराबाद की यात्रा के अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से बाहर कहीं अन्यत्र न जाने का निर्देश दिया था।
व्यवसायी ने दिल्ली उच्च न्यायालय के तीन जुलाई, 2023 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें अदालत ने 2022 में उसकी गिरफ्तारी की वैधता पर सवाल उठाने वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी।
व्यवसायी ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 19 का पालन न करने के आधार पर उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। यह धारा गिरफ्तारी की प्रक्रिया से संबंधित है।
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को 2021-22 के लिए आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
धनशोधन का मामला सीबीआई की एक प्राथमिकी से उत्पन्न हुआ है, जो दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना द्वारा आबकारी नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की जांच की सिफारिश करने के बाद दर्ज की गई थी।
यह दावा किया गया है कि बोइनपल्ली गुप्त बैठकों का हिस्सा थे और शराब का कारोबार करने वाले एक अन्य आरोपी समीर महेंद्रू के साथ धनशोधन की साजिश में शामिल थे।
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