देश की खबरें | धनशोधन मामले में वीवो इंडिया के अधिकारियों की रिहायी के आदेश के खिलाफ ईडी ने अदालत का रुख किया
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नयी दिल्ली, दो जनवरी प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन मामले में वीवो-इंडिया के तीन अधिकारियों की रिहायी के आदेश के खिलाफ मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया।
न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की अवकाशकालीन पीठ ने निचली अदालत के 30 दिसंबर के आदेश को चुनौती देने वाली एजेंसी की याचिका पर नोटिस जारी किया और कहा कि चूंकि अधिकारियों को पहले ही रिहा किया जा चुका है, इसलिए इस स्तर पर कोई एकपक्षीय अंतरिम आदेश पारित नहीं किया जा सकता है।
न्यायाधीश ने ईडी के वकील से कहा, ''अगर ऐसी स्थिति होती कि उन्हें रिहा नहीं किया गया होता, तो मैं (अंतरिम आदेश पारित करने के लिए) इच्छुक होता।''
अदालत ने मामले की अगली सुनवायी की तिथि तीन जनवरी सूचीबद्ध करते हुए कहा, ‘‘चूंकि प्रतिवादियों/व्यक्तियों को संबंधित आदेश के अनुपालन में पहले ही रिहा कर दिया गया है, इसलिए कोई एकपक्षीय अंतरिम आदेश पारित नहीं किया जा सकता। हालांकि, वर्तमान मामले में तात्कालिकता को ध्यान में रखते हुए, प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया जाना चाहिए।’’
तीस दिसंबर को, दिल्ली की एक अदालत ने दिसंबर महीने धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा हिरासत में लिये गए वीवो-इंडिया के तीन अधिकारियों को शनिवार को जमानत दे दी। अदालत ने यह कहते हुए राहत दी कि आरोपियों को गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश नहीं किया गया, इसलिए उनकी ‘हिरासत अवैध थी।’
तीनों ने दावा किया था कि उन्हें 21 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था, न कि 22 दिसंबर को, जैसा कि ईडी ने रिकॉर्ड में दर्ज किया था तथा चूंकि उन्हें 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश नहीं किया गया, इसलिए उनकी गिरफ्तारी अवैध है।
हालांकि, पटियाला हाउस में अवकाशकालीन न्यायाधीश शिरीष अग्रवाल की अदालत ने तीनों- चीनी नागरिक एवं वीवो-इंडिया के अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) होंग जुक्वान उर्फ टेरी, मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को तीन जनवरी तक हर रोज ईडी के कार्यालय में उपस्थिति दर्ज कराने को कहा।
हालांकि, ईडी के वकील ने दावे का विरोध करते हुए कहा कि तीनों को "औपचारिक रूप से गिरफ्तार किए जाने के बाद, उन्हें गिरफ्तारी के आधार बताए गए थे और गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर संबंधित अदालत में पेश किया गया था।"
एजेंसी ने कहा है कि 21 दिसंबर को तीनों आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली गई और बाद में उन्हें पूछताछ के लिए और उनके फोन के फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए ईडी कार्यालय ले जाया गया। ईडी ने अदालत को बताया कि अगले दिन 22 दिसंबर को उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया।
ईडी ने पिछले साल जुलाई में वीवो-इंडिया के कार्यालयों और इससे जुड़े लोगों के परिसरों पर छापा मारा था और चीनी नागरिकों और कई भारतीय कंपनियों से जुड़े एक बड़े धनशोधन रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया था।
तब उसने आरोप लगाया था कि भारत में कर के भुगतान से बचने के लिए वीवो-इंडिया द्वारा 62,476 करोड़ रुपये "अवैध रूप से" चीन भेजे गए थे।
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