ईडी ने उसके मदुरै दफ्तर में तमिलनाडु पुलिस की तलाशी को अवैध बताया
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शंकर जीवाल के पास एक शिकायत दर्ज कराकर आग्रह किया कि उसके मदुरै कार्यालय में 'अवैध रूप से तलाशी' लेने के लिए सतर्कता निदेशालय के अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए और आरोप लगाया कि अनधिकृत व्यक्तियों ने कार्यालय परिसर में प्रवेश किया और संवेदनशील मामले के रिकॉर्ड चुरा लिए।
चेन्नई, 3 दिसंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शंकर जीवाल के पास एक शिकायत दर्ज कराकर आग्रह किया कि उसके मदुरै कार्यालय में 'अवैध रूप से तलाशी' लेने के लिए सतर्कता निदेशालय के अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए और आरोप लगाया कि अनधिकृत व्यक्तियों ने कार्यालय परिसर में प्रवेश किया और संवेदनशील मामले के रिकॉर्ड चुरा लिए.
ईडी ने अपनी शिकायत में भ्रष्टाचार के एक मामले में अपने अधिकारी अंकित तिवारी की गिरफ्तारी के बाद अपने कार्यालय में सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) द्वारा एक दिसंबर को की गई तलाशी का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि उसके पूरे कार्यालय को ' उलट-पुलट ' कर दिया गया है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उन मामलों तक की फाइलें खोली गईं जिनका तिवारी के मामले से कोई संबंध नहीं था और ईडी के संवेदनशील मामले के रिकॉर्ड और आंतरिक दस्तावेजों तक को देखा गया.
शिकायत में कहा गया है, "हम पंचनामा देखकर हैरान रह गए कि दो गवाहों के साथ तलाशी के लिए केवल चार लोगों को अधिकृत किया गया था. हमने अपना विरोध दर्ज कराते हुए पंचनामे पर हस्ताक्षर किए हैं." सिर्फ चार व्यक्ति ही अधिकृत थे लेकिन 35 व्यक्ति उपस्थित थे और तलाशी की आड़ में इन 35 व्यक्तियों ने 'अवैध' कार्य किया है. शिकायत में कहा गया है,"तथाकथित पुलिसकर्मी वर्दी में नहीं थे और बिना बैज के थे" और वे एक दिसंबर की दोपहर (2.30 बजे) से दो दिसंबर की सुबह (7.15 बजे) तक दफ्तर में रहे.
उसमें कहा गया है, “उनकी पहचान ज्ञात नहीं है. वे पुलिस कर्मी थे या नहीं, यह भी नहीं पता. ईडी के किसी मामले में किसी का निहित स्वार्थ है या नहीं, यह भी नहीं पता। कितने रिकॉर्ड चोरी हुए हैं, यह भी अभी तक पता नहीं चल पाया है. हम इसका पता लगाने की प्रक्रिया में हैं. हमारे पास वीडियो रिकॉर्डिंग है जो ऐसे 35 व्यक्तियों की उपस्थिति को दर्शाती है." ऐसे कई मामले हैं जिनमें गवाहों की सुरक्षा की आवश्यकता है क्योंकि ईडी "राज्य में कई शक्तिशाली व्यक्तियों की जांच" कर रही है.
मदुरै उप-क्षेत्रीय कार्यालय के सहायक निदेशक, ब्रिजेश बेनीवाल ने आरोप लगाया कि डीवीएसी की तलाशी 'अवैध' और 'दुर्भावनापूर्ण' थी, इसलिए 'अवैध' तलाशी के लिए डीवीएसी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए. तिवारी के कमरे की तलाशी ली गई और ईसीआईआर जैसे दस्तावेज डीवीएसी टीम ने जब्त कर लिए.
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