देश की खबरें | पूर्वी राज्यों को पहले पिछड़ा माना जाता था, मैं उन्हें देश के विकास इंजन के रूप में देखता हूं : मोदी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार भारत के पूर्वी क्षेत्र को देश का विकास इंजन मानती है, जबकि पहले इस क्षेत्र को पिछड़ा माना जाता था।

नयी दिल्ली, 24 नवंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार भारत के पूर्वी क्षेत्र को देश का विकास इंजन मानती है, जबकि पहले इस क्षेत्र को पिछड़ा माना जाता था।

यहां ‘ओडिशा पर्व’ कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में नयी सरकार के गठन के 100 दिनों के भीतर 45,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई है।

उन्होंने कहा, “ओडिशा हमेशा से ही संतों और विद्वानों की भूमि रही है। जिस तरह से यहां के विद्वानों ने हमारे धार्मिक ग्रंथों को घर-घर तक पहुंचाया और लोगों को उनसे जोड़ा, उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में अहम भूमिका निभाई है।”

उन्होंने कहा, “एक समय था जब भारत के पूर्वी क्षेत्र और वहां के राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। हालांकि, मैं भारत के पूर्वी क्षेत्र को देश के विकास का इंजन मानता हूं। इसीलिए हमने भारत के पूर्वी क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता दी है।”

मोदी ने कहा, “अब हम ओडिशा को जो बजट आवंटित कर रहे हैं, वह 10 साल पहले की तुलना में तीन गुना अधिक है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर क्षेत्र में तेजी से काम कर रहे हैं और इस वर्ष बजट में 30 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।”

प्रधानमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ओडिशा में कारोबार को आसान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने के 100 दिनों के भीतर 45,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई है।

उन्होंने कहा, “पिछले साल जी20 शिखर सम्मेलन भारत में आयोजित किया गया था। जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान हमने सूर्य मंदिर (कोणार्क में) की तस्वीर दिखाई थी। मुझे इस बात की भी खुशी है कि जगन्नाथ मंदिर (पुरी में) के सभी चार दरवाजे अब खुल गए हैं। इसके अलावा मंदिर का रत्न भंडार भी खुला है।”

“ओडिशा पर्व” उड़िया समाज द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है, जो दिल्ली स्थित एक न्यास है जो ओडिया विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए बहुमूल्य समर्थन प्रदान करने में लगा हुआ है।

इस वर्ष, ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने, रंगारंग सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करने और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करने के लिए 22 नवंबर से 24 नवंबर तक “ओडिशा पर्व” का आयोजन किया गया।

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