जरुरी जानकारी | एकीकृत विशाखापत्तनम शहर के विकास पर विवाद: न्यायालय ने पूर्व न्यायाधीश को मध्यस्थ बनाया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को यूनिटेक लिमिटेड और आंध्र प्रदेश औद्योगिक अवसंरचना निगम (एपीआईआईसी) के बीच एकीकृत विशाखापत्तनम शहर के विकास को लेकर विवाद का फैसला करने के लिए शीर्ष अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश को मध्यस्थ नियुक्त किया।
नई दिल्ली, 30 मार्च उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को यूनिटेक लिमिटेड और आंध्र प्रदेश औद्योगिक अवसंरचना निगम (एपीआईआईसी) के बीच एकीकृत विशाखापत्तनम शहर के विकास को लेकर विवाद का फैसला करने के लिए शीर्ष अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश को मध्यस्थ नियुक्त किया।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुभाष रेड्डी को मध्यस्थ नियुक्त किया।
यह निर्देश यूनिटेक लिमिटेड की एक याचिका पर आया, जिसमें एपीआईआईसी से 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ 270 करोड़ रुपये वापस लेने की मांग की गई है।
यूनिटेक लिमिटेड के वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि एपीआईआईसी इस आधार पर आगे बढ़ी कि विकास समझौते को निदेशक मंडल ने मंजूरी नहीं दी थी और इसलिए वह बाध्यकारी नहीं था।
एपीआईआईसी के वकील ने शीर्ष अदालत के समक्ष तर्क दिया कि यूनिटेक ने मध्यस्थता की बात कही थी, इसलिए अंतरिम निर्देश जारी करना उचित नहीं होगा।
इसके बाद पीठ ने कहा, ‘‘हमारा विचार है कि विवाद पर मध्यस्थता के लिए एकल मध्यस्थ को नियुक्त करके न्याय का लक्ष्य पूरा किया जा सकता है। तदनुसार हम न्यायमूर्ति सुभाष रेड्डी को विवाद पर मध्यस्थता करने के लिए एकल मध्यस्थ नियुक्त करने का आदेश देते हैं।’’
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