देश की खबरें | ड्यूटी के दौरान सोने के कारण बर्खास्त सीआईएसएफ के जवान को उच्च न्यायालय से नहीं मिली राहत

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बम्बई उच्च न्यायालय ने नागपुर के मौदा ताप विद्युत संयंत्र में ड्यूटी के दौरान सोते पाये जाने पर सेवा से बर्खास्त किए गए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक कांस्टेबल को कोई राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने इस बात पर गौर किया कि वह एक अनुशासित बल का सदस्य था जिसे सार्वजनिक प्रतिष्ठान की रक्षा का काम सौंपा गया था।

मुंबई, 23 नवंबर बम्बई उच्च न्यायालय ने नागपुर के मौदा ताप विद्युत संयंत्र में ड्यूटी के दौरान सोते पाये जाने पर सेवा से बर्खास्त किए गए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक कांस्टेबल को कोई राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने इस बात पर गौर किया कि वह एक अनुशासित बल का सदस्य था जिसे सार्वजनिक प्रतिष्ठान की रक्षा का काम सौंपा गया था।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ ने मंगलवार को क्यातले संतोष रमेश की याचिका खारिज कर दी, जिन्हें मार्च 2021 में अनुशासनहीनता और ड्यूटी पर सोने के कारण सीआईएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था।

उनके वरिष्ठ सहयोगी ने उन्हें रात की ड्यूटी के दौरान सोते हुए पाया था और पूर्व में भी उन्हें अनुशासनहीनता और उनके कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही के लिए चेतावनी दी गई थी।

रमेश ने अपनी याचिका में दावा किया कि उसके द्वारा किये गए कथित अपराध के लिए सेवा से बर्खास्तगी की सजा दिया जाना उचित नहीं है।

आदेश की प्रति बुधवार को उपलब्ध हुई जिसमें अदालत ने कहा, ‘‘हालांकि, जो तथ्य साबित हुए हैं, वे काफी चौंकाने वाले हैं। याचिकाकर्ता एक अनुशासित बल का सदस्य था, जिसे सार्वजनिक महत्व के संस्थान की रक्षा का दायित्व सौंपा गया था और उन्हें रात की ड्यूटी के दौरान सोते हुए पाया गया था।

अदालत ने कहा कि यह याचिकाकर्ता की ओर से अपनी ड्यूटी के दौरान की गई लापरवाही का एक अकेला मामला नहीं था और पहले भी उसे लापरवाही करते हुए पाया गया था तथा चेतावनी दिये जाने के बाद छोड़ दिया गया था।

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