कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश में गरीब परिवारों को दिये जा रहे राशन में लगाया घोटाले का आरोप, कही ये बात
दिग्विजय सिंह (Photo Credits: ANI)

भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रदेश में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को दिये जा रहे सरकारी खाद्यान में करोड़ों रूपये का घोटाला किया जा रहा है और इसकी जांच सीबीआई या एसआईटी से कराई जाये. दिग्विजय ने भोपाल में संवाददाताओं को बताया, ‘‘ मध्य प्रदेश में कोरोना काल के दौरान गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के करीब पौने पांच करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन वितरण में की गई अनियमितताओं की जांच सीबीआई से कराई जाये या एसआईटी गठित कर जांच कराई जाये.

उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत इस वर्ष अप्रैल, मई और जून तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में मई और जून का राशन दिया जाना था. उन्होंने आरोप लगाया कि इस राशन वितरण में पूरे प्रदेश में ‘महाराशन घोटाला’ सामने आ रहा है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई घोषणा के अनुरूप प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में भारत सरकार द्वारा 26 अप्रैल 2021 को पत्र भेजकर प्रदेश में 4.70 लाख मीट्रिक टन गेहूं का आवंटन दिया गया। इसी प्रकार, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पात्र परिवारों को करीब 7.05 लाख मीट्रिक टन खाद्यान का वितरण होना था. यह भी पढ़े: Farmers Protest: शिवराज सिंह का कमलनाथ और दिग्विजय पर निशाना, कहा-अरे तुमने तो पाप किया है, भूखे रहो लेकिन प्रायश्चित करने के लिए

उन्होंने कहा कि वितरित किये जाने वाले खाद्यान में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले नीले रंग के कार्डधारी परिवार के प्रत्येक सदस्य को पांच किलो ग्राम अनाज मुफ्त दिया जाना था। दिग्विजय ने कहा कि प्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की सदस्य संख्या 4.70 करोड़ से अधिक है. इसी प्रकार अति गरीब और निराश्रित परिवारों के पीले राशन कार्ड पर एकमुश्त 35 किलो ग्राम अनाज मिलना था. प्रदेश में पीले कार्ड रखने वाले अन्त्योदय परिवारों की तादाद करीब 55.50 लाख है. ऐसे परिवार एक किलो शक्कर के साथ-साथ नमक और मिट्टी तेल के भी पात्र हैं.

दिग्विजय ने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान जब प्रदेश में हजारों लोग संक्रमित होकर जूझ रहे थे. उसी दौरान मध्य प्रदेश का राशन माफिया भीषण आपदा में भ्रष्टाचार का अवसर ढूंढ रहा था। माफिया से जुड़े लोगों ने पांच माह की जगह दो से तीन माह का आधा-अधूरा राशन दिया. उन्होंने कहा, ''जनसंपर्क और जिलों में भ्रमण के दौरान अनेक गरीब परिवारों ने मुझे इस घोटाले से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि गत वर्ष कोरोना महामारी की पहली लहर में भी गरीबों को उनके हक का पूरा अनाज नहीं दिया गया.

दिग्विजय ने बताया कि राजधानी में सरकार की नाक के नीचे भोपाल जिले में हुए इस घोटाले की कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा पड़ताल की गई तो चैंकाने वाली जानकारी सामने आई है, जिसमें हितग्राही बयान दे रहे हैं कि उन्हें मिलने वाले राशन का आधा हिस्सा भी नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि आश्चर्यजनक यह है कि उचित मूल्य की दुकान पर काम करने वाले कर्मचारियों ने खाद्य सुरक्षा के पोर्टल पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की एंट्री तो की है पर पूरा राशन नहीं दिया.

वहीं, मध्य प्रदेश भाजपा के सचिव रजनीश अग्रवाल ने दिग्विजय के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘प्रदेश भर में खाद्यान्न निशुल्क देने का काम हो रहा है। प्रदेश में कहीं किसी प्रकार का घोटाला नहीं हुआ है.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)