कोलकाता, 14 मई पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी के राजभवन के प्रति ‘‘गैर उत्तरादायी’’ रुख की बृहस्पतिवार को निंदा की और कहा कि उन्हें अब भी उस सूचना का इंतजार है जो उन्होंने एक सप्ताह पहले कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के संचालन के लिए प्रशासकों की नियुक्ति को लेकर मांगी थी।
धनखड़ ने कहा कि ऐसा रुख ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ और ‘‘संवैधानिक मानदंडों के विपरीत’’ है।
धनखड़ ने गत सात मई को राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम के नेतृत्व में केएमसी बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स की नियुक्ति के बारे में मुख्यमंत्री से जानकारी मांगने के लिए संविधान के अनुच्छेद 167 का इस्तेमाल किया था। हकीम निगम के नियमित बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने से पहले शहर के मेयर भी थे।
संविधान का अनुच्छेद 167 राज्यपाल को सूचना मुहैया कराने को लेकर मुख्यमंत्री के कर्तव्यों का उल्लेख करता है।
उन्होंने बनर्जी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘जब अनुच्छेद 167 के संदर्भ में राज्यपाल के प्रति संविधान के तहत आपके 'कर्तव्यों' के निष्पादन की बात आती है तो आपका गैर-प्रतिक्रियाशील रुख दुर्भाग्यपूर्ण है और अनुच्छेद 164 के तहत आपकी शपथ के विपरीत तथा संविधान के सार और भावना के विरुद्ध है और निश्चित तौर पर इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।’’
प्रशासकों की नियुक्ति कोविड-19 के चलते लागू लॉकडाउन के मद्देनजर निकाय चुनाव स्थगित होने को देखते हुए निगम के दिन-प्रतिदिन के मामलों को संचालित करने के लिए छह मई को की गई थी।
केएमसी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब केएमसी का संचालन प्रशासकों के पैनल द्वारा किया जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस संचालित नगर निकाय का कार्यकाल छह मई को समाप्त हुआ था।
पिछले दो महीने के दौरान राज्य सरकार और राजभवन के बीच ममता बनर्जी सरकार द्वारा कोविड-19 स्थिति से निपटने के तरीके को लेकर तीखी बयानबाजी हुई है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)