ब्रिटेन के शोधकर्ताओं का दावा, डेक्सामेथासोन पहली दवा है जो कोरोना वायरस रोगियों के जीवन को बचा सकती है

मंगलवार को नतीजों की घोषणा की गयी और जल्द ही अध्ययन को प्रकाशित किया जाएगा,अध्ययन के मुताबिक सख्ती से जांच करने और औचक तौर पर 2104 मरीजों को दवा दी गयी और उनकी तुलना 4321 मरीजों से की गयी, जिनकी साधारण तरीके से देखभाल हो रही थी,

कोरोना से जंग (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के इलाज को लेकर ब्रिटेन के शोधकर्ताओं की तरफ से मंगलवार को दावा किया गया है कि डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) दवा से लोगों की जान बचाई जा सकती है और बड़े पैमाने पर लोगों की जान बचाई गई है. उनकी तरफ से कहा गया है कि जल्द ही शोध को लेकर लोगों के सामने घोषणा की जायेगी. अध्ययन के मुताबिक सख्ती से जांच करने और औचक तौर पर 2104 मरीजों को दवा दी गयी और उनकी तुलना 4321 मरीजों से की गयी, जिनकी साधारण तरीके से देखभाल हो रही थी.दवा के इस्तेमाल के बाद श्वसन संबंधी मशीनों के साथ उपचार करा रहे मरीजों की मृत्यु दर 35 प्रतिशत तक घट गयी. जिन लोगों को ऑक्सीजन की सहायता दी जा रही थी उनमें भी मृत्यु दर 20 प्रतिशत कम हो गयी.

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxford University) के शोधकर्ता पीटर होर्बी (Peter Horby) ने एक बयान में कहा, ‘‘ये काफी उत्साहजनक नतीजे हैं. ’’उन्होंने कहा, ‘‘मृत्यु दर कम करने में और ऑक्सीजन की मदद वाले मरीजों में साफ तौर पर इसका फायदा हुआ. इसलिए ऐसे मरीजों में डेक्सामेथासोन का इस्तेमाल होना चाहिए. डेक्सामेथासोन दवा महंगी भी नहीं है और दुनियाभर में जान बचाने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है. यह भी पढ़े: कोरोना संकट के बीच ब्रिटेन ने COVID-19 वायरस के नये टीके का परीक्षण शुरू किया

हाल में इसी अध्ययन में कहा गया था कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना वायरस के उपचार में उपयोगी नहीं है। अध्ययन के तहत इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में 11,000 से ज्यादा मरीजों को शामिल किया गया था.

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